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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रदेशवासियों को श्री गुरु रविदास जी के 648वें प्रकाश उत्सव की बधाई दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि गुरु रविदास जी ने समाज को प्रेम, करुणा, समानता और भाईचारे का संदेश दिया। उन्होंने जीवनभर जात-पात और भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए प्रयास किए और समानता पर आधारित समाज बनाने पर जोर दिया।
गुरु रविदास जी का संदेश और शिक्षाएँ
गुरु रविदास जी का जन्म 15वीं शताब्दी में वाराणसी में हुआ था। वे एक समाज सुधारक और संत थे, जिन्होंने अपने भजनों और उपदेशों के माध्यम से समाज में फैले भेदभाव और ऊँच-नीच की सोच को खत्म करने की शिक्षा दी। उनके अनुसार, ईश्वर की भक्ति और सच्चाई के रास्ते पर चलने वाला व्यक्ति ही सच्चा इंसान होता है, न कि वह जो ऊँची जाति में जन्म लेता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय में भी गुरु रविदास जी की शिक्षाएँ उतनी ही प्रासंगिक हैं। आज के भौतिकवादी दौर में, जहाँ लोग धन, पद और शक्ति के पीछे भाग रहे हैं, वहाँ गुरु रविदास जी का संदेश हमें सादगी, प्रेम और सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने समाज को यह सिखाया कि सभी इंसान बराबर हैं और हमें सभी के साथ प्रेम और सम्मान से पेश आना चाहिए।
मुख्यमंत्री की अपील
भगवंत मान ने लोगों से आग्रह किया कि वे गुरु रविदास जी की शिक्षाओं को अपनाएँ और समाज में समानता लाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने विशेष रूप से गरीबों और कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए आगे आने की अपील की ताकि समाज में अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि हमें जाति, धर्म, रंग और भेदभाव से ऊपर उठकर आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ प्रकाश उत्सव मनाना चाहिए।
प्रकाश उत्सव का महत्व
गुरु रविदास जी का प्रकाश उत्सव हर साल माघ पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन देशभर में भक्तजन कीर्तन, सत्संग और भंडारे का आयोजन करते हैं। उनके अनुयायी इस दिन गुरु जी के भजनों का पाठ करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।
गुरु रविदास जी की शिक्षाएँ आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। उन्होंने समानता, भाईचारे और परोपकार की जो राह दिखाई, वह सभी के लिए अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस अवसर पर सभी नागरिकों से आपसी प्रेम और एकता बनाए रखने का आह्वान किया और प्रकाश उत्सव को मिल-जुलकर मनाने की अपील की।