महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद पार्टी ने अपनी रणनीतियों को नया मोड़ दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संविधान और लोकतंत्र को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित महारैली में कहा कि भारतीय संविधान को बचाने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। खरगे का यह बयान उस समय आया जब पार्टी लगातार बीजेपी पर संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगा रही है।
संविधान बचाने की जरूरत
खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और देश के अन्य सभी संगठनों का एक ही लक्ष्य होना चाहिए—संविधान की रक्षा करना। उन्होंने कहा, “हम सभी को एक होकर संविधान को बचाना होगा। हम एक साथ मिलकर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करें।” उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ कांग्रेस की नहीं, बल्कि हर उस संगठन की है जो लोकतंत्र में विश्वास रखता है। खरगे ने ताजमहल और लाल किले का उदाहरण देते हुए कहा कि ये सभी ऐतिहासिक स्थल मुसलमानों द्वारा बनाए गए थे, क्या बीजेपी इन्हें भी तोड़ने की योजना बना रही है?
लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने संबोधन में लोकतंत्र की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की शुरुआत पंडित नेहरू और डॉ. भीमराव अंबेडकर की वजह से हुई, जिन्होंने एडल्ट फ्रेंचाइज़ का कानून पास किया। खरगे ने सवाल उठाया, “क्या मोदी जी ने एडल्ट फ्रेंचाइज़ दिलवाया है? यह संविधान की देन है।” उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 11 सालों में बीजेपी ने संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की है। विपक्ष की आवाज दबाई गई है, मीडिया पर पाबंदियां लगाई गई हैं और पत्रकारों को जेल में डाला गया है।
कांग्रेस के मुद्दे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी गरीबों, मजदूरों, किसानों, नौजवानों और माइनॉरिटीज की समस्याओं के लिए लड़ रही है। उन्होंने वक्फ बोर्ड में हस्तक्षेप, प्राइवेटाइजेशन पर रोक, ठेकेदारी प्रथा की समाप्ति, खाली सरकारी पदों को भरने, किसानों के लिए एमएसपी गारंटी और आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन को बचाने के मुद्दे पर बात की। खरगे ने कहा कि इन मुद्दों पर कांग्रेस पार्टी काम कर रही है और पार्टी किसी भी राजनीतिक या आर्थिक शक्ति को लोकतंत्र को कमजोर करने की इजाजत नहीं दे सकती।
जाति जनगणना पर सवाल
खरगे ने बीजेपी के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि जब राहुल गांधी ने जाति जनगणना का मुद्दा उठाया, तो मोदी और शाह ने इस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह सरकार उन लोगों के फायदे के खिलाफ सवाल उठाती है, जिनका इस प्रक्रिया से लाभ हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह देश एक है और यहां किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए।
धार्मिक स्थलों को लेकर बीजेपी पर हमला
खरगे ने बीजेपी द्वारा धार्मिक स्थलों के बारे में उठाए गए विवादों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता यह दावा करते हैं कि मस्जिदों के नीचे मंदिर हैं और इसका उदाहरण ताजमहल और लाल किला जैसी ऐतिहासिक इमारतों से दिया जाता है। खरगे ने कहा, “अगर ताजमहल और लाल किला मुसलमानों ने बनाए हैं, तो क्या उन्हें भी तोड़ा जाएगा?” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 1991 में धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाए रखने के लिए कानून बनाया गया था, लेकिन बीजेपी उस कानून को भी नहीं मान रही है।
सेक्युलरिज्म पर जोर
खरगे ने कहा कि वह भी हिंदू हैं, लेकिन वे अपनी धर्मनिरपेक्षता के कारण एकजुट होकर देश की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “मैं भी हिंदू हूं, मेरा नाम मलिकार्जुन है, लेकिन मुझे लगता है कि हम सभी को एकजुट होकर संविधान और लोकतंत्र के लिए काम करना चाहिए।” उन्होंने बीजेपी के वक्फ बिल पर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों के विरोध का समर्थन किया और कहा कि ये लोग देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खरगे का यह भाषण बीजेपी पर एक तीखा हमला था, जिसमें उन्होंने संविधान, लोकतंत्र और धार्मिक तुष्टिकरण के मुद्दों को उठाया। खरगे ने पार्टी को एकजुट होने और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी देश के हर तबके की समस्याओं को उठाने और उनके समाधान के लिए काम कर रही है, और वह किसी भी कीमत पर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिशों को सफल नहीं होने देगी।