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पंजाब के पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद की अगुवाई में फतेहगढ़ साहिब स्थित ऐतिहासिक जहाज़ हवेली के पुनरुद्धार और संरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक चंडीगढ़ में पर्यटन विभाग के सेक्टर 38 स्थित कार्यालय में हुई, जिसमें विभिन्न विभागों और संबंधित पक्षों ने हिस्सा लिया।
मंत्री सौंद ने बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि जहाज़ हवेली, जो सिख इतिहास के महान व्यक्तित्व दीवान टोडर मल जी से जुड़ी है, पंजाब की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का एक अमूल्य हिस्सा है। इसे संरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार प्राचीन विरासत स्थलों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
हवेली के संरक्षण का खाका तैयार
बैठक में तय किया गया कि इसी सप्ताह गुरुवार, 30 जनवरी को एक विशेष कमेटी जहाज़ हवेली का दौरा करेगी और वहां की मौजूदा स्थिति का आकलन करेगी। इसके बाद विशेषज्ञों की एक 8-सदस्यीय डिज़ाइन कमेटी द्वारा विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। मंत्री सौंद ने कहा कि यदि कोई बड़ी रुकावट सामने नहीं आई, तो जल्द ही इस ऐतिहासिक इमारत के पुनरुद्धार और संरक्षण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
दीवान टोडर मल जी का ऐतिहासिक योगदान
दीवान टोडर मल जी सिख इतिहास में अपने असाधारण योगदान के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार के बलिदानों के बाद शहीद हुए छोटे साहिबजादों का अंतिम संस्कार करने के लिए सिर पर सोने की ईंटें रखकर भूमि खरीदी थी। जहाज़ हवेली उसी ऐतिहासिक स्थल से जुड़ी हुई है, जो इस महान कार्य का प्रतीक मानी जाती है। इसे संरक्षित करना, न केवल एक सांस्कृतिक दायित्व है, बल्कि सिख इतिहास को सहेजने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।
विशेषज्ञों और विभागीय अधिकारियों की भागीदारी
बैठक में पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सचिव मालविंदर सिंह जग्गी, निदेशक अमृत सिंह, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, श्री अमृतसर साहिब के सचिव और दीवान टोडर मल विरासती फाउंडेशन के प्रधान समेत कई अन्य गणमान्य अधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित थे।
सभी ने मंत्री सौंद की इस पहल की सराहना की और इसे समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। इसके साथ ही, बैठक में मौजूद अधिकारियों और विशेषज्ञों ने हवेली के संरक्षण के लिए वित्तीय और तकनीकी पहलुओं पर भी चर्चा की।
सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने की प्रतिबद्धता
मंत्री सौंद ने कहा कि प्राचीन और ऐतिहासिक इमारतें हमारी विरासत का प्रतीक हैं। इनकी खोई हुई शान को बहाल करने का काम न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ऐसे अन्य सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण पर भी काम कर रही है, ताकि राज्य की समृद्ध विरासत को सहेजा जा सके।
यह पहल फतेहगढ़ साहिब और पंजाब के अन्य विरासत स्थलों को न केवल संरक्षण प्रदान करेगी बल्कि राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। जहाज़ हवेली का पुनरुद्धार इस दिशा में एक ऐतिहासिक और उल्लेखनीय कदम साबित होगा।