पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनकी अंतिम यात्रा और स्मारक को लेकर कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों ने अपनी मांगें सामने रखी हैं।
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार विशेष स्थान पर किया जाए और वहां एक स्थायी स्मारक बनाया जाए। कांग्रेस का कहना है कि इस स्मारक से युवा पीढ़ी उनके व्यक्तित्व और उपलब्धियों से प्रेरणा ले सकेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि सिंह का स्मारक उनकी विरासत के सम्मान में उपयुक्त स्थान पर बनाया जाए।
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए स्थान नहीं देकर उनका अपमान कर रही है। पार्टी का कहना है कि देश के पहले सिख प्रधानमंत्री को उचित सम्मान मिलना चाहिए।
सरकार का रुख
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात बयान जारी करते हुए कहा कि सरकार ने मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने का निर्णय लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सिंह के परिवार को सूचित किया कि स्मारक के लिए स्थान जल्द ही आवंटित किया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रस्ट का गठन किया जाना है, जो स्मारक की देखरेख करेगा। हालांकि, इन प्रक्रियाओं के दौरान सिंह का अंतिम संस्कार और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा सकती हैं।
विपक्ष का आरोप
इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा है।
1. मायावती (बसपा प्रमुख)
मायावती ने कहा कि सरकार को मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार उस स्थान पर कराना चाहिए जहां उनके परिवार की इच्छा हो। उन्होंने आग्रह किया कि सरकार सिख समाज की भावनाओं का सम्मान करे और इस मुद्दे पर राजनीति से बचना चाहिए।
2. अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी अध्यक्ष)
अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के संदर्भ में देश में सम्मान की परंपरा है और इसे बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि मनमोहन सिंह की समाधि राजघाट पर ही बननी चाहिए।
3. संजय सिंह (आम आदमी पार्टी)
आप नेता संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मनमोहन सिंह को राजघाट पर स्थान न देना मोदी सरकार की “छोटी और ओछी सोच” को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री का अपमान है।
मनमोहन सिंह का योगदान
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे और आर्थिक सुधारों के जनक माने जाते हैं। वह भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री थे और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक निर्णय लिए।
सरकार के निर्णय पर सवाल
कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार का यह निर्णय राजनीति से प्रेरित हो सकता है। हालांकि, गृह मंत्रालय के बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि स्मारक के लिए स्थान आवंटित किया जाएगा।
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके सम्मान में स्मारक को लेकर विवाद राजनीतिक रूप ले चुका है। कांग्रेस और विपक्षी दलों का कहना है कि सिंह को देश के सर्वोच्च सम्मान के साथ विदाई दी जानी चाहिए। वहीं, सरकार ने स्मारक बनाने का आश्वासन दिया है। अब यह देखना होगा कि स्मारक के लिए स्थान का चयन और प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है।