
पंजाब के सरहदी ज़िलों में मौजूदा तनावपूर्ण हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने जनता को राहत देने और डर का माहौल खत्म करने के लिए एक अहम पहल की है। शनिवार को पंजाब सरकार के 10 मंत्री पाकिस्तान सीमा से लगे इलाकों का दौरा करने पहुंचे। उन्होंने अमृतसर, फिरोज़पुर, फाजिल्का, पठानकोट और तरनतारन जैसे ज़िलों में एमरजेंसी सेवाओं और जरूरी सुविधाओं की स्थिति का जायज़ा लिया और अधिकारियों से बातचीत की।
आम लोगों को मिल रही प्राथमिक ज़रूरतें
मंत्रियों ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जंग जैसे तनावपूर्ण माहौल में भी आम लोगों को दवाइयों, दूध, दही, आटा, चावल और रोज़मर्रा की चीज़ों की कोई कमी न हो। हर ज़रूरी मानवीय ज़रूरत को प्राथमिकता देने का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं और हर ज़िले से लगातार फीडबैक ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जनता की सुरक्षा और सुविधा सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसी के तहत राज्य सरकार ने हर ज़िले में दो मंत्रियों को विशेष ड्यूटी पर तैनात किया है ताकि बेहतर समन्वय और निगरानी बनी रहे।
24 घंटे काम कर रहा है क्राइसिस कमांड सेंटर
सरकार ने एक 24 घंटे सक्रिय ‘क्राइसिस कमांड सेंटर’ भी स्थापित किया है, जहां से सभी ज़िलों से सीधे रिपोर्ट ली जा रही है। विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों से सीधा संपर्क बनाकर हालात पर तुरंत निर्णय लिए जा रहे हैं। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि ज़मीनी हालात की जानकारी सरकार को तुरंत और सटीक मिल सके।
मंत्री खुद पहुंचे ज़रूरतमंद इलाकों में
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फाजिल्का में मंत्री डॉ. बलजीत कौर और तरुणप्रीत सिंह सूद ने महिलाओं और बच्चों के लिए लगाए गए विशेष मेडिकल कैंप का दौरा किया। उन्होंने डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ से मौके पर हमेशा मौजूद रहने की अपील की।
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फिरोज़पुर में मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां और हरदीप सिंह मुंडियां ने राहत कैंपों और राशन वितरण प्रणाली का जायज़ा लिया। डिपो संचालकों को हिदायत दी गई कि सभी ज़रूरी चीजें समय पर उपलब्ध हों।
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तरनतारन में मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर और हरभजन सिंह ने पुनर्वास केंद्रों का निरीक्षण किया और प्रशासनिक तैयारियों की सराहना की।
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अमृतसर में मंत्री कुलदीप धालीवाल और महेन्द्र भगत ने फायर ब्रिगेड, पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमों से बैठक की और इमरजेंसी सेवाओं की समीक्षा की।
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गुरदासपुर में मंत्री लाल चंद कटारूचक ने ग्रामीण इलाकों में मेडिकल सेवाओं और कर्फ्यू प्रोटोकॉल की निगरानी की।
सरकार की ज़मीन से जुड़ी कार्यशैली
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इन दौरों की सराहना करते हुए कहा कि उनके मंत्री केवल रस्मी दौरे नहीं कर रहे, बल्कि वे लोगों के बीच जाकर, ज़मीनी स्तर पर समस्याओं को समझकर समाधान निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे नेता पहले स्टेज पर नहीं, मैदान में काम करते हैं। यही हमारी सरकार की पहचान है।”
सरकार की इस सक्रियता से सरहदी इलाकों के लोग खुद को सुरक्षित और समर्थ महसूस कर रहे हैं। यह प्रयास संकट की घड़ी में राज्य सरकार के ज़िम्मेदार और तत्पर रवैये को दर्शाता है।