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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी वादे के अनुरूप क्रिप्टो स्ट्रैटेजिक रिजर्व बनाने की घोषणा की है। इस रिजर्व में बिटकॉइन (Bitcoin), इथेरियम (Ethereum), एक्सआरपी (XRP), सोलाना (Solana) और एडीए (कारडानो – Cardano) जैसी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी को शामिल किया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि यह कदम अमेरिका की आर्थिक प्रणाली को आधुनिक बनाने और डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
डॉलर की स्थिरता बढ़ाने पर जोर
ट्रंप ने जोर देकर कहा कि इस क्रिप्टो रिजर्व की स्थापना से अमेरिकी डॉलर की स्थिरता में सुधार होगा और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि अमेरिका दुनिया की क्रिप्टो राजधानी बने।” ट्रंप के अनुसार, यह पहल अमेरिका को फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी और डिजिटल करेंसी को मुख्यधारा में लाने का काम करेगी।
व्हाइट हाउस में क्रिप्टो शिखर सम्मेलन
इस ऐतिहासिक फैसले को लेकर शुक्रवार को व्हाइट हाउस में एक क्रिप्टो शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में वित्तीय विशेषज्ञ, ब्लॉकचेन डेवलपर्स और क्रिप्टो उद्योग से जुड़े लोग शामिल होंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी के नियमन, सरकारी नीतियों और डिजिटल संपत्तियों के भविष्य को लेकर चर्चा होगी।
सोलाना और ट्रंपकॉइन का कनेक्शन
सोलाना का ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म ट्रंप के खुद के बनाए गए ट्रंपकॉइन सहित कई मेमेकॉइन को होस्ट करता है। सोलाना की तकनीक तेज और प्रभावी मानी जाती है, जिससे क्रिप्टो लेन-देन तेजी से होते हैं। ट्रंप के इस फैसले से सोलाना और अन्य डिजिटल संपत्तियों को बड़ा समर्थन मिल सकता है।
अमेरिका को ‘क्रिप्टो हब’ बनाने की योजना
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि डिजिटल करेंसी भविष्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगी। इसी कारण उन्होंने अमेरिका को क्रिप्टो इंडस्ट्री का ग्लोबल लीडर बनाने का संकल्प लिया है। इस फैसले से न केवल क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को फायदा होगा, बल्कि डिजिटल करेंसी का उपयोग बढ़ने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
क्या होगा इस फैसले का असर?
1. क्रिप्टो बाजार को बढ़ावा मिलेगा – बड़े निवेशक क्रिप्टो में अधिक रुचि दिखा सकते हैं।
2. अमेरिका में क्रिप्टो को कानूनी समर्थन – डिजिटल करेंसी को लेकर सकारात्मक माहौल बनेगा।
3. अन्य देशों पर असर – अमेरिका की यह पहल दुनिया के अन्य देशों को भी क्रिप्टो अपनाने के लिए प्रेरित कर सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप का यह ऐलान क्रिप्टो दुनिया के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। अमेरिका की इस नई नीति से डिजिटल करेंसी को मजबूती मिलेगी और देश की अर्थव्यवस्था और अधिक तकनीकी रूप से उन्नत होगी। अब सभी की नजरें व्हाइट हाउस में होने वाले क्रिप्टो शिखर सम्मेलन पर टिकी हैं, जहां इस रणनीति को लेकर और अधिक जानकारी मिल सकती है।