उत्तर प्रदेश के संभल जिले के खग्गू सराय में 46 साल बाद खुले प्राचीन शिव मंदिर ने भक्तों और स्थानीय निवासियों में उत्साह भर दिया है। इस मंदिर में हाल ही में खुदाई के दौरान भगवान महादेव और माता पार्वती की प्रतिमाएं मिली हैं। मंदिर खुलने के बाद से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं।
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मंदिर में मिली प्राचीन मूर्तियां
मंदिर के पास स्थित एक कुएं की खुदाई में माता पार्वती की खंडित प्रतिमा और भगवान गणेश की मूर्ति मिलने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि यह कुआं लगभग 30 फीट गहरा है। खुदाई के दौरान माता पार्वती की दो प्रतिमाएं करीब 20 फीट की गहराई पर मिलीं। इन मूर्तियों को स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने कहा कि ये मूर्तियां प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व की हैं और इन्हें सरकारी खजाने में जमा कराया जाएगा।
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भक्तों का उत्साह और मंदिर में भीड़
मंदिर खुलने की खबर फैलते ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सोमवार के दिन शिव मंदिर में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। स्थानीय निवासियों के मुताबिक, यह मंदिर ‘संभलेश्वर मंदिर’ के नाम से जाना जाता है और क्षेत्र के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र था।
एक श्रद्धालु महिला ने कहा, “यह मंदिर हमारे पूर्वजों के समय का है और यहां पूजा करने से बहुत शांति मिलती है। मंदिर का फिर से खुलना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।”
एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि वह सालों पहले इस मंदिर में पूजा करने आती थीं, लेकिन अतिक्रमण और अनदेखी के चलते मंदिर बंद हो गया था। अब जब यह मंदिर खुला है, तो उनका पुराना जुड़ाव और आस्था फिर से जाग उठी है।
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मंदिर का खुलासा और प्रशासन की कार्रवाई
संभल में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान इस मंदिर का पता चला। स्थानीय प्रशासन ने मंदिर की साफ-सफाई करवाई और इसे भक्तों के लिए खोल दिया। इसे संभलेश्वर मंदिर का नाम दिया गया है। मंदिर के पास हुए अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई भी की जा रही है ताकि मंदिर और आसपास के इलाके को साफ किया जा सके।
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खुदाई और ऐतिहासिक महत्व की जांच जारी
मंदिर परिसर और उसके आसपास खुदाई का काम अब भी जारी है। मूर्तियों की प्राचीनता और ऐतिहासिक महत्व का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया जा सकता है। यह संभव है कि आगे की खुदाई में और भी महत्वपूर्ण प्रतिमाएं या ऐतिहासिक वस्तुएं मिलें।
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भविष्य की संभावनाएं
मंदिर के फिर से खुलने और प्राचीन मूर्तियों के मिलने के बाद इसे धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। इससे न केवल श्रद्धालुओं को लाभ होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
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संभल का प्राचीन संभलेश्वर मंदिर 46 साल बाद खुलने के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बन गया है। खुदाई में मिली मूर्तियां भारतीय इतिहास और संस्कृति की धरोहर को उजागर करती हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयास इस मंदिर की गरिमा और प्राचीनता को बनाए रखने में मदद करेंगे।