
पंजाब के दोआबा क्षेत्र को 36 महीनों के भीतर तीसरा सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले शहीद भगत सिंह सरकारी मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया। इससे पहले उन्होंने होशियारपुर और कपूरथला में भी मेडिकल कॉलेजों की नींव रखी थी। अब दोआबा के तीन जिलों – होशियारपुर, कपूरथला और शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) में सरकारी मेडिकल कॉलेज होंगे।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की ओर एक कदम
यह नया मेडिकल कॉलेज जिला सिविल अस्पताल से जुड़ा होगा और इसका नाम शहीद भगत सिंह के सम्मान में रखा गया है। इस संस्थान की स्थापना स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए की जा रही है। कॉलेज में MBBS की 50 सीटें होंगी, जिससे स्थानीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा अपने ही जिले में मिलेगी।
फिलहाल, शहीद भगत सिंह नगर का सिविल अस्पताल सिर्फ सेकेंडरी लेवल की सेवाएं देता है, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को जालंधर, लुधियाना या चंडीगढ़ जाना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज खुलने से अब सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध होंगे।
स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार
मेडिकल कॉलेज के बनने से कई नए विभागों को मजबूती मिलेगी, जिनमें मेडिसिन, सर्जरी, बाल रोग, हड्डी रोग, स्त्री रोग और आपातकालीन देखभाल शामिल हैं। इसके अलावा, आईसीयू, ट्रॉमा सेंटर और डायग्नोस्टिक लैब को भी अपग्रेड किया जाएगा ताकि गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अत्याधुनिक मेडिकल उपकरण और नई तकनीक का इस्तेमाल करके इस कॉलेज को आधुनिक चिकित्सा और शिक्षा का केंद्र बनाया जाएगा। इससे मरीजों और मेडिकल छात्रों, दोनों को लाभ मिलेगा।
स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार
इस मेडिकल कॉलेज के बनने से डॉक्टरों, नर्सों, तकनीशियनों और गैर-चिकित्सा कर्मचारियों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, मेडिकल छात्रों और फैकल्टी की मौजूदगी से स्थानीय कारोबार और बुनियादी ढांचे को भी बढ़ावा मिलेगा।
पंजाब सरकार राज्य में 6 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना कर रही है, ताकि चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने और इसे जल्द से जल्द चालू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अब इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा
शहीद भगत सिंह नगर एक दूरदराज का जिला है, जहां तृतीयक (टर्शरी) स्वास्थ्य सेवाएं सीमित थीं। लेकिन अब इस मेडिकल कॉलेज के बनने से इलाज के लिए लुधियाना, जालंधर या चंडीगढ़ जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे रेफरल अस्पतालों का बोझ भी कम होगा और स्थानीय लोगों को सस्ता और बेहतर इलाज मिलेगा।
शहीद भगत सिंह के नाम से प्रेरणा
यह कॉलेज न केवल बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा बल्कि भविष्य के डॉक्टरों को प्रेरित भी करेगा कि वे समर्पण के साथ लोगों की सेवा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह की सोच को आगे बढ़ाना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। यह मेडिकल कॉलेज पंजाब की स्वास्थ्य प्रणाली में बड़ा बदलाव लाने वाला साबित होगा।