किसान आंदोलन: पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल द्वारा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित 13 मांगों को लेकर शुरू किए गए अनशन को आज (गुरुवार) 31 दिन हो गए हैं। उनकी स्थिति बेहद नाजुक हो गई है। अब वे बोलने में असमर्थ हैं और केवल इशारों के माध्यम से ही संवाद कर पा रहे हैं।
दूसरी ओर, 30 दिसंबर को आंदोलन के समर्थन में दिए जाने वाले पंजाब बंद को लेकर आज खनौरी में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें व्यापारिक संगठनों, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि, और विभिन्न यूनियनों के नेता शामिल होंगे। पंजाब के बाहर भी डल्लेवाल के समर्थन में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक भूख हड़ताल की जाएगी। बता दें कि यह संघर्ष 13 फरवरी से लगातार जारी है।
डल्लेवाल की बिगड़ती स्थिति
डॉक्टरों ने मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि जगजीत सिंह डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर काफी चिंताजनक स्तर पर है। वे पिछले 30 दिनों से कुछ भी नहीं खा रहे हैं और पानी के अलावा कुछ भी नहीं लिया है। उनके हाथ और पैर पीले पड़ गए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अब वे बोलने में भी असमर्थ हो गए हैं।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को उनकी स्थिति को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। उन्होंने मांग की कि डल्लेवाल का कीटोन बॉडी टेस्ट सहित अन्य सभी टेस्ट सरकारी डॉक्टरों से करवाए जाएं और उनकी रिपोर्ट देश के साथ साझा की जाए।
सरकार से सवाल
किसान नेताओं ने कहा कि हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की गारंटी का ऐलान किया था। दोनों मोर्चों के नेताओं ने हरियाणा सरकार से सवाल किया कि क्या कोई राज्य सरकार अपने स्तर पर एमएसपी पर फसलों की खरीद के लिए वित्तीय संसाधनों का प्रबंध कर सकती है?
किसान नेताओं ने कहा कि केंद्रीय पूल की ज्यादातर खरीद राज्य सरकार की एजेंसियों के माध्यम से होती है और इसके लिए बजट केंद्र सरकार से आता है। ऐसे में क्या कोई राज्य सरकार केंद्र सरकार के सहयोग के बिना सभी फसलों को एमएसपी पर खरीद सकती है? इस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जवाब देना चाहिए।
डल्लेवाल के समर्थन में आंदोलन तेज
डल्लेवाल की नाजुक स्थिति और सरकार की ओर से समाधान न मिलने के कारण आंदोलन और तेज हो रहा है। किसान संगठनों ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद को सफल बनाने की अपील की है। इसके अलावा, पंजाब और हरियाणा के किसान इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से तत्काल समाधान की मांग कर रहे हैं।
संघर्ष की प्रमुख मांगें
डल्लेवाल के नेतृत्व में किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, फसलों की उचित खरीद, कर्ज माफी, और बिजली की दरों में कटौती सहित 13 प्रमुख मांगें कर रहे हैं। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
डल्लेवाल का यह आंदोलन किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन उनकी बिगड़ती स्थिति ने इस आंदोलन को और गंभीर बना दिया है। सरकार के पास अब सीमित समय है कि वह किसानों की समस्याओं का समाधान निकाले, वरना यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।