प्रसिद्ध तबला वादक और संगीतकार जाकिर हुसैन का सोमवार को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया। परिवार ने उनकी मौत की पुष्टि की। 72 वर्षीय जाकिर हुसैन पिछले दो हफ्तों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और अस्पताल में भर्ती थे। उनकी बहन खुर्शीद औलिया ने रविवार को जाकिर हुसैन के निधन की अफवाहों का खंडन किया था और उनकी हालत को नाजुक बताया था। लेकिन सोमवार को परिवार ने आधिकारिक बयान जारी कर उनके निधन की पुष्टि की।
जाकिर हुसैन की मौत से उनके प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर उनके चाहने वाले और दिग्गज हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि दे रही हैं।
जाकिर हुसैन का परिचय और करियर
जाकिर हुसैन भारतीय शास्त्रीय संगीत के इतिहास में एक बड़ा नाम थे। 9 मार्च 1951 को मुंबई में जन्मे जाकिर हुसैन संगीत के महान उस्ताद और तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा के बेटे थे। उन्होंने बचपन से ही तबले में रुचि दिखाई और महज सात साल की उम्र में परफॉर्म करना शुरू कर दिया था।
उनकी अद्भुत प्रतिभा ने तबले को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और इसे वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई। उनकी परफॉर्मेंस ने न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी लाखों लोगों का दिल जीता। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय संगीत में भी अपना अहम योगदान दिया।
संगीत और रचनात्मकता का सफर
जाकिर हुसैन न सिर्फ एक बेहतरीन तबला वादक थे बल्कि एक कुशल संगीतकार भी थे। उन्होंने कई फिल्मों के लिए संगीत दिया, जिनमें हीट एंड डस्ट और इन कस्टडी शामिल हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बैले और ऑर्केस्ट्रा प्रोडक्शन के लिए भी कई अनूठी रचनाएं तैयार की थीं।
उनकी शैली और उनकी नवीनता ने उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत का ब्रांड एंबेसडर बना दिया। दशकों तक उन्होंने भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया और इसे नई पहचान दी।
पुरस्कार और सम्मान
जाकिर हुसैन को उनके योगदान के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री और पद्म भूषण से नवाजा गया। उन्होंने ग्रैमी अवॉर्ड भी जीता और दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संगीतकारों की सूची में अपना नाम दर्ज कराया।
उनकी उपलब्धियां:
पद्म श्री (1988)
पद्म भूषण (2002)
ग्रैमी अवॉर्ड: बेस्ट कंटेम्परेरी वर्ल्ड म्यूजिक एल्बम
प्रशंसकों के लिए अपूरणीय क्षति
जाकिर हुसैन के निधन से भारतीय संगीत जगत को गहरा आघात पहुंचा है। वह न केवल संगीत के क्षेत्र में बल्कि सांस्कृतिक क्षेत्र में भी प्रेरणा स्रोत थे। उनके चाहने वालों ने सोशल मीडिया पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
परिवार का बयान
परिवार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “हमारे प्रिय जाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका निधन हमारे परिवार और संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।”
संगीत जगत की प्रतिक्रिया
कई संगीतकारों और बॉलीवुड हस्तियों ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया। मशहूर गायक हरिहरन ने कहा, “जाकिर भाई का जाना एक युग का अंत है। वह केवल संगीतकार नहीं, बल्कि संगीत का पर्याय थे।”
जाकिर हुसैन की विरासत
जाकिर हुसैन की विरासत उनकी अद्वितीय रचनाओं और प्रदर्शन में जीवित रहेगी। उनके योगदान ने न केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत को समृद्ध किया बल्कि इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का काम किया।
उनका जाना संगीत प्रेमियों के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी कला और उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी।