केंद्रीय भूजल बोर्ड की 2024 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में लंबे समय से घटता जा रहा भूजल स्तर अब स्थिर हो गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर, जिसे 2023 में मापे गए जल स्तर के आधार पर तैयार किया गया है, राज्य के 63 ब्लॉकों में भूजल डिस्चार्ज का चक्र शुरू हो चुका है। इसका मतलब है कि इन ब्लॉकों में हर साल घटता भूजल स्तर अब स्थिर हो रहा है, और कई जगहों पर पानी के स्तर में सुधार देखा गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2001-02 से पंजाब के नरमा पट्टी क्षेत्र के कई ब्लॉकों का भूजल लगातार नीचे जा रहा था। हालांकि, पिछले साल की रिपोर्ट में यह संकेत मिले थे कि कुछ जगहों पर जल स्तर स्थिर हो रहा है, जबकि इस साल की रिपोर्ट में पांच ब्लॉकों की श्रेणी में बदलाव हुआ है। उदाहरण के लिए, गुरुहरसहाए और मक्खू ब्लॉक, जो पहले ‘सेमी-क्रिटिकल’ जोन में थे, अब ‘सुरक्षित’ जोन में आ गए हैं। इसी तरह, फिरोजपुर और श्री हरगोबिंदपुर ब्लॉक ओवर-डिस्चार्ज जोन से ‘क्रिटिकल’ जोन में चले गए हैं, और बालाचौर ‘क्रिटिकल’ जोन से ‘सेमी-क्रिटिकल’ जोन में आ गया है।
राज्य में कुल 153 ब्लॉक हैं, जिनमें भूजल स्तर की माप साल में दो बार की जाती है। इनमें से 63 ब्लॉकों में सुधार के संकेत मिले हैं, और 16 ब्लॉक ऐसे हैं जहां 20% से अधिक पानी की सतह में बदलाव आया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पंजाब राज्य वह अकेला राज्य है, जहां अब तक वार्षिक सुरक्षित मात्रा से अधिक पानी निकाला जाता रहा है।
भूजल स्तर में सुधार का मुख्य कारण पिछले साल राज्य में आई बाढ़ और पंजाब सरकार द्वारा नहर के पानी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम माने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, राज्य का वार्षिक पुनर्भरण पिछले वर्ष के 18.84 बिलियन क्यूबिक मीटर से बढ़कर 19.19 बिलियन क्यूबिक मीटर हो गया है।