दिल्ली में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति गरम हो गई है और चुनावी मैदान में प्रमुख दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय चुनाव आयोग 7 या 8 जनवरी को दिल्ली चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। अनुमान जताया जा रहा है कि फरवरी के दूसरे हफ्ते में दिल्ली विधानसभा चुनाव होगा और परिणाम 15 फरवरी के बाद आ सकते हैं।
चुनाव की तारीखें और मतगणना का संभावित समय
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में मतदान 11 से 13 फरवरी के बीच एक ही चरण में समाप्त हो सकता है, और मतगणना 15 या 16 फरवरी को होने की संभावना है। यह चुनाव आयोग की तैयारियों को अंतिम चरण में लाता है। इस बीच, चुनाव आयोग 6 जनवरी तक नई वोटर लिस्ट भी जारी करेगा, जिससे दिल्ली के मतदाताओं की संख्या में कोई बदलाव सामने आ सकता है। इसके साथ ही, फरवरी के तीसरे हफ्ते तक दिल्ली की नई सरकार का गठन हो सकता है।
दिल्ली में राजनीतिक दलों के बीच सियासी घमासान
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है। सभी दल अपनी रणनीतियां तैयार कर रहे हैं और जनता से वादे करने में जुटे हैं। भारतीय जनता पार्टी 27 साल से दिल्ली में सत्ता हासिल नहीं कर पाई है और इस बार वह अपनी खोई हुई जमीन वापसी की कोशिश कर रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने एकतरफा जीत हासिल करने के उद्देश्य से अपनी चुनावी बिसात बिछा दी है।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसे मुद्दों पर काफी जोर दिया है, जबकि भाजपा उन मुद्दों को लेकर AAP पर हमलावर हो रही है। कांग्रेस के लिए चुनौती और भी बड़ी है क्योंकि पिछले कुछ सालों में दिल्ली में उसकी राजनीतिक जमीन तेजी से खिसकती जा रही है।
दिल्ली के चुनावी समीकरण में बदलाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार कई बदलाव नजर आ सकते हैं। पिछले कुछ चुनावों में आम आदमी पार्टी का ग्राफ लगातार ऊपर जाता दिखा है। दिल्ली की अधिकांश सीटें ऐसी हैं, जहां AAP उम्मीदवारों ने बेहद कम अंतर से जीत दर्ज की थी, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि इस बार पार्टी अपने प्रदर्शन को और मजबूत बनाने की कोशिश करेगी।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी भी दिल्ली में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पार्टी पिछले 27 साल से दिल्ली में अपने वोट बैंक को बनाए रखने में कामयाब रही है, लेकिन अब भाजपा के लिए चुनौती यह है कि वह आम आदमी पार्टी के दबदबे को कैसे चुनौती देती है।
कांग्रेस पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी पुरानी राजनीतिक जमीन वापस प्राप्त करने की कोशिश कर रही है, लेकिन चुनाव दर चुनाव पार्टी का वोट शेयर गिरता जा रहा है, जिससे उसके लिए इस बार मुकाबला और कठिन हो सकता है।
नतीजे और सरकार का गठन
यदि चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें, तो दिल्ली में पिछले 27 सालों में भाजपा ने अपना वोट बैंक बनाए रखा है, लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की स्थिति में तेजी से बदलाव आया है। दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी का लगातार मजबूत होना एक महत्वपूर्ण घटना है। अब देखना यह है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में कौन सा दल सत्ता पर काबिज होगा और दिल्ली के मतदाता किसे अपना समर्थन देंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में जीत के लिए तीन प्रमुख दलों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। आम आदमी पार्टी अपनी मजबूत स्थिति का फायदा उठाने के प्रयास में है, जबकि भाजपा और कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चुनावी तारीखों का ऐलान जल्द ही होने वाला है, और इसके बाद राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों पर अंतिम रूप देंगे।