Delhi MCD Mayor Election 2025: आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव से हटने का किया फैसला, बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर चुनाव को लेकर राजधानी की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने 2025 के मेयर चुनाव में हिस्सा न लेने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मंत्री आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर लोकतंत्र को कमजोर करने और जनमत का अपमान करने के आरोप लगाए।
AAP का बड़ा फैसला: “हम मेयर का चुनाव नहीं लड़ेंगे”
आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी अब दिल्ली नगर निगम के मेयर पद का चुनाव नहीं लड़ेगी। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा,
“बीजेपी जब चुनाव हारती है तो जनता का फैसला स्वीकार नहीं करती, बल्कि सत्ता के लिए जो भी तरीका हो—चाहे दबाव, खरीद-फरोख्त या तोड़फोड़—उसे अपनाती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी पिछले ढाई सालों से आम आदमी पार्टी के पार्षदों को तोड़ने की कोशिश कर रही है और कई को अपने पाले में कर भी चुकी है।
MCD चुनाव में ‘आप’ की जीत, फिर भी सत्ता से दूर
आतिशी ने बताया कि दिल्ली नगर निगम का री-यूनिफिकेशन किया गया, 272 से 250 वार्ड कर दिए गए, चुनाव को देरी से कराया गया और गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ एमसीडी का चुनाव करवाया गया।
इसके बावजूद आम आदमी पार्टी ने 134 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया, जबकि बीजेपी को 104 सीटें मिलीं।
फिर भी, बीजेपी ने कई पार्षदों को तोड़कर संख्या बल बढ़ा लिया है। ऐसे में आम आदमी पार्टी ने लोकतांत्रिक मूल्यों को प्राथमिकता देते हुए मेयर चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है।
सौरभ भारद्वाज का हमला: “दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार”
आप के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब बीजेपी के पास “ट्रिपल इंजन” की सरकार है—केंद्र सरकार, एलजी और अब नगर निगम। उन्होंने कहा:
“अब बीजेपी के पास कोई बहाना नहीं है। उन्हें जनता के लिए काम करना चाहिए।”
बीजेपी का जवाब: “AAP जनता का भरोसा खो चुकी है”
वहीं बीजेपी ने इस फैसले पर पलटवार किया है। दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आम आदमी पार्टी अब “त्याग का नाटक” कर रही है क्योंकि उन्हें पता है कि अब बहुमत उनके पास नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी पिछले ढाई सालों में MCD का प्रशासनिक ढांचा और सफाई व्यवस्था, दोनों बर्बाद कर चुकी है।
दिल्ली की राजनीति में मेयर चुनाव को लेकर नया मोड़ आ गया है। आम आदमी पार्टी का यह फैसला राजनीतिक रणनीति भी हो सकता है और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा का दावा भी। अब देखना यह होगा कि बीजेपी मेयर की कुर्सी पर बैठने के बाद दिल्ली के नागरिकों के लिए क्या बदलाव लाती है। वहीं, आम आदमी पार्टी विपक्ष की भूमिका में क्या रुख अपनाती है, यह भी आने वाले वक्त में साफ हो जाएगा।