
दिल्ली पुलिस ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम विदेश मंत्रालय के विशेष अनुरोध पर उठाया गया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ा है और हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, एस. जयशंकर के साथ-साथ विदेश सचिव विक्रम मिश्री और बीजेपी के कम से कम 25 अन्य वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा की भी समीक्षा की जा रही है। इन नेताओं में कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का नाम भी शामिल है। सभी नेताओं ने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ सख्त बयान दिए हैं, खासकर सोशल मीडिया पर, जिससे उनकी सुरक्षा पर खतरे की आशंका बढ़ गई है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने की अहम बैठक
रविवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में उन सभी वीआईपी लोगों की सुरक्षा को लेकर चर्चा हुई, जिन्होंने आतंकवाद और सीमा पार की गतिविधियों के खिलाफ खुलकर बोलने का साहस दिखाया है। विशेष रूप से उन नेताओं की सूची तैयार की गई है, जिन्होंने सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के खिलाफ तीखे बयान दिए हैं।
बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि सुरक्षा बलों को गोलीबारी की स्थिति और मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपट सकें।
जयशंकर की सुरक्षा को मिलेगी नई मजबूती
इस समय एस. जयशंकर को सीआरपीएफ की Z श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है, जिसमें उनके साथ छह सुरक्षाकर्मी मोबाइल सुरक्षा के लिए और दस सुरक्षाकर्मी उनके आवास की सुरक्षा के लिए तैनात हैं। पहले उन्हें Z+ सुरक्षा मिली हुई थी, जिसमें मोबाइल सुरक्षा और घर की सुरक्षा दोनों के लिए दस-दस सुरक्षाकर्मी तैनात होते थे।
अब दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय से एस. जयशंकर की सुरक्षा के खतरे का पुनर्मूल्यांकन करने का अनुरोध किया है। प्रस्तावित सुरक्षा सुधारों में उनके घर और कार्यालय के बाहर ‘स्पॉटर्स’ की संख्या बढ़ाना, एक अतिरिक्त एस्कॉर्ट कार तैनात करना और एक नया कॉल साइन जारी करना शामिल है।
अन्य नेताओं की भी बढ़ेगी सुरक्षा
एस. जयशंकर के अलावा जिन नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा हो रही है, उनमें कुछ बेहद प्रमुख चेहरे शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, यह तय किया गया है कि इन नेताओं के सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा के और कड़े इंतजाम किए जाएंगे। कुछ को अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
देश में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव की स्थिति को देखते हुए यह कदम बेहद जरूरी माना जा रहा है। एस. जयशंकर और अन्य नेताओं की सुरक्षा को मजबूत करने का यह निर्णय न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि यह संदेश भी देगा कि भारत अपने नेताओं की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर सुनिश्चित कर रही हैं कि देश के हित में बोलने वाले नेता किसी भी खतरे से सुरक्षित रहें।