नवंबर का आधा महीना बीत चुका है, लेकिन दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है। मौजूदा हालात इतने खराब हो चुके हैं कि देश की राजधानी एक गैस चेंबर बन गई है। यहां की जहरीली हवा न केवल स्वस्थ व्यक्तियों को बीमार कर रही है बल्कि पहले से बीमार लोगों की मुश्किलें और बढ़ा रही है।
दिल्ली का गंभीर श्रेणी में AQI
आज लगातार पांचवें दिन दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। सुबह का औसत AQI 429 तक पहुंच गया। विशेषज्ञों के अनुसार, गंभीर श्रेणी की वायु गुणवत्ता स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी खतरनाक साबित होती है। मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए यह स्थिति और अधिक घातक हो सकती है।
दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इस प्रकार रही:
वायु प्रदूषण के कारण
दिल्ली में वायु गुणवत्ता में गिरावट का सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है। इसके अलावा, पराली जलाने, निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, और दिवाली के पटाखों का असर भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ाने में योगदान देता है।
30 अक्टूबर को दिल्ली का AQI 307 था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। उसके बाद यह आंकड़ा लगातार बढ़ता गया और अब यह गंभीर स्थिति में पहुंच चुका है।
प्रदूषण पर कार्रवाई
स्थिति को देखते हुए सरकार और प्रशासन ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण के तहत कई प्रतिबंध लागू किए हैं। इनमें बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध शामिल है।
शुक्रवार को ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग ने इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।
ट्रैफिक पुलिस ने करीब 550 चालान जारी किए।
प्रतिबंधों के पहले दिन 1 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया।
प्रदूषण का असर और उपाय
दिल्ली की जहरीली हवा का असर सबसे ज्यादा बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों पर पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि वायु प्रदूषण से सांस की बीमारियां, अस्थमा, हृदय रोग और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
सरकार ने हालात सुधारने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन प्रदूषण पर काबू पाना मुश्किल साबित हो रहा है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि लोगों को बाहर निकलने से बचना चाहिए, मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए और घरों में एयर प्यूरीफायर लगाना चाहिए।
दिल्ली की आबोहवा को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सरकार, प्रशासन और नागरिकों को मिलकर प्रदूषण कम करने के उपाय करने होंगे। नहीं तो आने वाले दिनों में यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।