
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बिना नाम लिए खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह पर की गई टिप्पणी का मामला तूल पकड़ चुका है। अब यह मुद्दा पंजाब विधानसभा में भी गरमा गया।
दरअसल, अमित शाह ने हाल ही में संसद में कहा था कि कुछ लोग पंजाब में भिंडरांवाला बनना चाहते थे, लेकिन सरकार ने उन्हें डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया, जहां वे शांति से श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे हैं। इसी बयान पर विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब विधानसभा में कड़ा ऐतराज जताया।
बाजवा ने उठाए सवाल
बाजवा ने कहा कि गृहमंत्री को इस बात की जानकारी नहीं है कि जेल में किसी सेल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किए बिना पाठ कैसे हो सकता है। उन्होंने सदन से इस बयान पर ध्यान देने की मांग करते हुए कहा कि यदि किसी को किसी धर्म की धार्मिक परंपराओं की जानकारी नहीं है, तो उसे उस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक बयान है, और इस पर पंजाब विधानसभा में निंदा प्रस्ताव पेश किया जाना चाहिए।
स्पीकर ने दी समझाइश
विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने भी कहा कि राजनीतिक भाषणों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का नाम बहुत सोच-समझकर लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक मामलों में विशेषज्ञों की राय ली जानी चाहिए और अगर किसी को सही जानकारी नहीं है, तो उसे शिक्षित किया जाना चाहिए।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब केवल सिखों के ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के गुरु हैं, और उनका सम्मान बनाए रखना सभी का कर्तव्य है।
बीजेपी विधायक ने किया पलटवार
इस पर भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने बाजवा को जवाब देते हुए कहा कि वे पंजाब के माहौल को खराब करने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा कि पंजाब पहले ही इस तरह की भावनाओं के भटकाव से बहुत नुकसान झेल चुका है।
अश्वनी शर्मा ने आगे कहा कि जिन लोगों ने श्री अकाल तख्त साहिब की मर्यादा तोड़कर बुलडोज़र चलाए थे, वे आज समाज को ज्ञान न दें। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के बयान का मकसद सिर्फ यह बताना था कि सरकार ने पंजाब को एक गलत दिशा में जाने से रोका है।
स्पीकर ने किया बीच-बचाव
इस पर विधानसभा स्पीकर संधवां ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अपने विचार किसी और तरीके से भी रख सकते थे और यह सुनिश्चित करना सभी का दायित्व है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब का सम्मान हमेशा बना रहे।
➡ गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर विधानसभा में तीखी बहस।
➡ विपक्ष के नेता बाजवा ने निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की।
➡ बीजेपी विधायक अश्वनी शर्मा ने माहौल बिगाड़ने के आरोप लगाए।
➡ स्पीकर ने सभी को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सम्मान की सीख दी।
राजनीति से ऊपर है गुरु ग्रंथ साहिब का सम्मान
इस बहस के बाद पंजाब विधानसभा में माहौल गर्म रहा, लेकिन स्पीकर ने सभी को यह समझाने की कोशिश की कि धार्मिक मुद्दों को राजनीति से दूर रखा जाए और सभी धर्मों की गरिमा बनाए रखी जाए।