उत्तर प्रदेश के संभल में मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद हुई हिंसा को लेकर क्षेत्र में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। इस बीच, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दाखिल करते हुए प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 के पूर्ण क्रियान्वयन की मांग की है। जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को चिट्ठी लिखकर धार्मिक स्थलों के 1947 वाले स्वरूप को बनाए रखने की दिशा में लंबित याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की है।
जमीयत का तर्क और कानून का पालन
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी चिट्ठी में तर्क दिया है कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के बावजूद अदालतें धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण के आदेश दे रही हैं, जो कानून के विरुद्ध है। उनका कहना है कि यह एक्ट सभी धार्मिक स्थलों के 1947 के स्वरूप को बनाए रखने के लिए बना था, और इसका पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए।
संभल में हिंसा के बाद स्थिति सामान्य
संभल में हुए तनाव के बाद अब जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। स्कूलों और दुकानें खुलने लगी हैं, हालांकि, इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद हैं। जिला सूचना अधिकारी बृजेश कुमार ने जानकारी दी कि बुधवार शाम चार बजे तक तहसील में इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी।
सांप्रदायिक सौहार्द का आह्वान
हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एकजुटता और सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने का संकल्प लिया है। प्रशासन और पुलिस हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। प्रमुख चौराहों और संवेदनशील इलाकों में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
प्रवेश पर प्रतिबंध और सुरक्षा व्यवस्था
प्रशासन ने 30 नवंबर तक बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के संभल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने जानकारी दी कि क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है, हालांकि हिंसा वाले क्षेत्र की कुछ दुकानें अभी बंद हैं।
सांसद और विधायक के बेटे पर मामला दर्ज
आयुक्त ने बताया कि क्षेत्रीय सांसद और स्थानीय विधायक के बेटे पर भीड़ को भड़काने का मामला दर्ज किया गया है। सीसीटीवी फुटेज की जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस का बयान
पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) मुनिराज जी ने कहा कि संभल में हालात सामान्य हो रहे हैं और मंगलवार को किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।
संभल की स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन प्रशासन और पुलिस सतर्कता बनाए हुए हैं। जमीयत की याचिका और प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सबकी नजरें हैं। इस घटना ने धार्मिक सौहार्द और संवैधानिक कानूनों की प्रासंगिकता को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है।