पंजाब में किसानों का आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है। पटियाला में किसान सोमवार को सुबह से ही सड़कों पर उतर आए। उन्होंने धरेड़ी जट्टा स्थित टोल प्लाजा को जाम कर दिया, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। पटियाला से चंडीगढ़ और अन्य स्थानों पर जाने वाली गाड़ियों को वापस मोड़ा जा रहा है। किसानों की विभिन्न मांगों के समर्थन में किसान संगठनों ने सोमवार, सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक पंजाब बंद का आह्वान किया है।
इस दौरान केवल आपातकालीन सेवाओं को छूट दी गई है, जबकि सड़कें, रेलवे, दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने की अपील की गई है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट को कई बार पत्र लिखकर अपनी मांगें सामने रखी गईं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला। इसी वजह से किसानों ने यह कदम उठाने का फैसला किया है।
रेलवे सेवाएं प्रभावित
पंजाब बंद को ध्यान में रखते हुए उत्तर रेलवे ने पंजाब जाने वाली 107 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। ट्रेनें रद्द होने से यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही रेलवे स्टेशनों पर यात्री फंसे हुए हैं।
किसानों की मांगें
किसान संगठनों की मांग है कि केंद्र और राज्य सरकार उनके मुद्दों पर तुरंत बातचीत करें। इनमें फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी, कर्जमाफी, बिजली दरों में राहत, और हाल में हुए बिजली संशोधन कानून को वापस लेने जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं।
जनता को हो रही परेशानी
बंद के कारण लोगों को यात्रा में दिक्कतें हो रही हैं। सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। वहीं, दुकानदारों और व्यापारियों का कहना है कि बार-बार होने वाले बंद से उनकी आय पर बुरा असर पड़ रहा है।
सरकार पर आरोप
किसान नेता पंधेर का कहना है कि सरकार बातचीत के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने बताया कि किसानों ने प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के जजों को पत्र लिखकर अपनी मांगें रखी थीं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी बात नहीं सुनेगी, आंदोलन जारी रहेगा।
किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो आंदोलन और तेज होगा। आने वाले दिनों में वे सड़क और रेलवे जाम को बढ़ाने की योजना बना सकते हैं।
इस बंद से पंजाब के विभिन्न हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।