
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने राज्य में चल रही नशा विरोधी मुहिम को लेकर बड़ा और उत्साहजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस पूरी गंभीरता से इस अभियान को चला रही हैं और अब पंजाब में पहले की तरह आसानी से नशा नहीं मिल सकता। हालांकि उन्होंने माना कि नशा अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन तस्करों पर लगाम लगाने और नशे को कम करने में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है।
13 हज़ार से ज्यादा गिरफ्तारियां
डीजीपी गौरव यादव के अनुसार, अभी तक नशे के खिलाफ कुल 8,344 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इसके अलावा NDPS एक्ट के तहत 13,036 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन गिरफ्तार किए गए लोगों में से 1,696 “बड़ी मछलियाँ” यानी बड़े तस्कर शामिल हैं, जो नशा तस्करी के बड़े नेटवर्क का हिस्सा थे।
भारी मात्रा में नशा बरामद
पुलिस द्वारा बरामद किए गए नशे की मात्रा भी चौंकाने वाली है।
586 किलो हेरोइन
247 किलो अफीम
253 किलो गांजा
1.6 किलो ICE (सिंथेटिक ड्रग)
इसके अलावा अन्य नशीली वस्तुएं भी बड़ी संख्या में बरामद की गई हैं।
हवाला मनी और संपत्ति भी जब्त
पुलिस ने नशा तस्करी से जुड़ी 10.76 करोड़ रुपये की हवाला मनी जब्त की है। साथ ही 144 संपत्तियों को सीज़ किया गया है, जिनकी कुल कीमत 74.27 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह सभी संपत्तियाँ नशा तस्करी से जुड़ी कमाई से खरीदी गई थीं।
नशा छोड़ने वालों को मदद
डीजीपी ने यह भी बताया कि जो लोग नशा छोड़ना चाहते हैं या छोड़ चुके हैं, उन्हें पुलिस द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्हें मेडिकल सहायता भी दी जा रही है ताकि वे सामान्य जीवन की ओर लौट सकें। साथ ही जो तस्कर जेल से बाहर आए हैं, उनकी ट्रैकिंग भी की जा रही है ताकि वे दोबारा इस धंधे में न लौटें।
सरकार की सख्ती
पंजाब सरकार ने तस्करों पर शिकंजा कस दिया है और हर स्तर पर निगरानी की जा रही है। पुलिस, स्पेशल टास्क फोर्स और अन्य एजेंसियाँ मिलकर राज्य से नशे को खत्म करने की दिशा में काम कर रही हैं। गौरव यादव ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ पुलिस की नहीं है, बल्कि समाज के हर नागरिक को इसमें भागीदार बनना होगा।
डीजीपी का बयान इस बात का संकेत है कि सरकार और पुलिस नशे की समस्या को लेकर पूरी तरह सजग हैं। हजारों गिरफ्तारी, करोड़ों की संपत्ति ज़ब्त और नशा छोड़ने वालों के लिए मदद – ये सब संकेत हैं कि पंजाब में नशे के खिलाफ अब सिर्फ बातें नहीं, ठोस कार्रवाई हो रही है। यह अभियान भविष्य में और भी मजबूती से चलेगा ताकि पंजाब को नशामुक्त राज्य बनाया जा सके।