धार्मिक मान्यता के अनुसार धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग सोना, चांदी, आभूषण, बर्तन, भूमि आदि की खरीदारी करते हैं। इस साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्तूबर, मंगलवार को सुबह 10:32 बजे से शुरू होकर 30 अक्तूबर को दोपहर 1:15 बजे तक रहेगी। धनतेरस पर त्रयोदशी तिथि के दौरान प्रदोष काल में भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा करना शुभ माना जाता है।
धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा में गाय का घी और औषधियों का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार से पूजा की जाती है, जिसमें 16 विशेष प्रकार की पूजा विधियां शामिल होती हैं। इस दिन सोने-चांदी के सिक्के, आभूषण और बर्तन खरीदने की परंपरा है। शाम के समय मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाए जाते हैं, और यमदेवता के लिए दीपदान भी किया जाता है। मान्यता है कि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, कुबेर देवता और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और इच्छाओं की पूर्ति होती है।
धनतेरस पर खरीदारी और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसके साथ ही राहुकाल के समय से बचने का भी निर्देश है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार राहुकाल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं। आज के राहुकाल का समय दोपहर 2:49 बजे से 4:12 बजे तक है, इसलिए इस समय खरीदारी नहीं करनी चाहिए।
इस साल धनतेरस पर शुभ खरीदारी के कई मुहूर्त मिलेंगे:
1. पहला मुहूर्त – त्रिपुष्कर योग: यह योग बहुत ही शुभ माना गया है, जिसमें खरीदारी अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है। यह योग सुबह 6:31 बजे से अगले दिन सुबह 10:31 बजे तक रहेगा। इस दौरान सोने-चांदी के सिक्के, आभूषण, और बर्तन खरीदना अच्छा माना जाता है।
2. दूसरा मुहूर्त – अभिजीत मुहूर्त: दिन का सबसे अच्छा मुहूर्त माना जाता है, जो सुबह 11:42 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक रहेगा। इस समय भी शुभ खरीदारी की जा सकती है।
3. तीसरा मुहूर्त – प्रदोष काल: प्रदोष काल शाम 6:36 बजे से रात 8:32 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त के दौरान खरीदारी के साथ-साथ भगवान धन्वंतरि, कुबेर देवता और माता लक्ष्मी की पूजा करना विशेष फलदायी होता है।
धनतेरस जिसे धनत्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है, परंपराओं के अनुसार इस दिन की गई खरीदारी से घर में समृद्धि और सौभाग्य आता है।