
पंजाब सरकार की कैबिनेट सब-कमेटी ने आज एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश की 8 प्रमुख कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधियों से बैठक की। इस बैठक का मकसद यूनियनों की लंबे समय से लंबित मांगों पर विचार करना और जल्द से जल्द समाधान निकालना था। यह बैठक लगभग 3 घंटे तक चली और सौहार्दपूर्ण वातावरण में पूरी हुई।
किन यूनियनों ने भाग लिया?
इस बैठक में जिन यूनियनों ने भाग लिया उनमें शामिल थीं:
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बेरोज़गार साझा मोर्चा पंजाब
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3704 अध्यापक यूनियन
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मेरिटोरियस टीचर्स यूनियन
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AIE अस्थायी अध्यापक यूनियन (सत्र 2012-14)
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10 साल सेवा पूरी कर चुके अस्थायी अध्यापक यूनियन
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बेरोज़गार 646 पीटीआई (2011) अध्यापक यूनियन
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PWD फील्ड एंड वर्कशॉप वर्कर्स यूनियन
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ऑल पंजाब डीएसटी/सीटीएस कॉन्ट्रैक्ट/गेस्ट फैकल्टी इंस्ट्रक्टर यूनियन
इन यूनियनों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों और समस्याओं को सरकार के समक्ष विस्तार से रखा।
सरकार ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया
बैठक में सरकार ने सभी यूनियनों की बात को गंभीरता से सुना और संबंधित अधिकारियों से मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट ली। कैबिनेट सब-कमेटी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यूनियनों की जायज मांगों का जल्दी समाधान किया जाए ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके।
सरकार की तरफ से यह भरोसा भी दिलाया गया कि सभी मुद्दों पर निष्पक्षता से विचार होगा और समयबद्ध कार्रवाई की जाएगी। यूनियन प्रतिनिधियों ने सरकार की इस पहल की सराहना की और कैबिनेट कमेटी का धन्यवाद किया।
किन नेताओं ने रखा यूनियनों का पक्ष?
बैठक में विभिन्न यूनियनों के कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। जैसे:
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जसवंत सिंह घुबाया, रमन कुमार मलोट, और हरजिंदर सिंह झुनीर (बेरोज़गार साझा मोर्चा पंजाब)
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हरजिंदर सिंह, यादविंदर सिंह, और जगजीवनजोत सिंह (3704 अध्यापक यूनियन)
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डॉ. टीना, डॉ. अजय शर्मा, और दविंदर सिंह (मेरिटोरियस टीचर्स यूनियन)
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तजिंदर कौर और मंजू शर्मा (AIE अध्यापक यूनियन 2012-14)
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जसपाल सिंह और बलजिंदर मुक्तसर (10 साल सेवा पूरी कर चुके अध्यापक यूनियन)
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गुरलाभ सिंह, सी.पी. शर्मा, और वकील राम (बेरोज़गार 646 पीटीआई यूनियन)
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मक्खन सिंह वाहिदपुरी और बलजिंदर सिंह (PWD वर्कर्स यूनियन)
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संदीप सिंह, किरनदीप सिंह और नीना रानी (ऑल पंजाब गेस्ट फैकल्टी यूनियन)
इन सभी नेताओं ने अपने-अपने संगठन की मांगों को विस्तार से रखा और कहा कि सरकार की सक्रियता से उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।
क्या थी मुख्य मांगें?
इन यूनियनों की प्रमुख मांगों में शामिल थीं:
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स्थायी नियुक्ति
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लंबित वेतन भुगतान
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सेवा नियमों में संशोधन
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अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करना
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लंबे समय से सेवा दे रहे कर्मचारियों को समान अधिकार देना
बैठक सकारात्मक माहौल में पूरी हुई और यूनियन नेताओं को उम्मीद है कि अब सरकार उनके मुद्दों को जल्द सुलझाएगी। आम आदमी पार्टी सरकार की इस पहल को लेकर कर्मचारियों में भरोसा बढ़ा है कि अब उनकी सुनवाई और कार्यवाही दोनों संभव हैं। इस तरह की बैठकें सरकार और कर्मचारियों के बीच विश्वास का पुल बनाने में सहायक साबित हो रही हैं।