अमेरिका के हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों से डेमोक्रेटिक पार्टी की मदद करने का आग्रह किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके अपने समर्थकों से कहा कि डेमोक्रेट्स के पास चुनाव प्रचार के बाद बहुत अधिक फंड नहीं बचा है, और इस कठिन समय में उन्हें एकता बनाए रखने के लिए समर्थन की जरूरत है। यह अपील ऐसे समय में आई है जब उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस के चुनाव अभियान पर 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज होने की बात सामने आई है।
कमला हैरिस के चुनाव अभियान पर 20 मिलियन डॉलर का कर्ज
पोलिटिको के कैलिफोर्निया ब्यूरो प्रमुख क्रिस्टोफर कैडेलैगो के अनुसार, कमला हैरिस का चुनाव अभियान भारी कर्ज के साथ समाप्त हुआ है। उन्होंने खुलासा किया कि हैरिस ने अपने अभियान के दौरान 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक राशि जुटाई, परंतु 16 अक्टूबर तक उनके खाते में केवल 118 मिलियन डॉलर शेष थे। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में रिकॉर्ड चंदा जुटाने के बावजूद, डेमोक्रेट्स को वित्तीय चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “हमें इस कठिन समय में डेमोक्रेट्स की मदद करनी चाहिए। एक पार्टी के रूप में हमारी एकता बनाए रखने के लिए, चंदा जुटाना आवश्यक है।” ट्रंप की इस अपील से पता चलता है कि वह डेमोक्रेटिक पार्टी की वित्तीय स्थिति पर दबाव बना रहे हैं और डेमोक्रेटिक समर्थकों को चेतावनी दे रहे हैं कि वर्तमान स्थिति को संभालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
60 वर्षीय कमला हैरिस ने तोड़े चंदा जुटाने के रिकॉर्ड
इस वर्ष के चुनाव अभियान के दौरान, उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने चंदा जुटाने के कई रिकॉर्ड तोड़े। संघीय चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उनके अभियान और सुपर पैक्स ने संयुक्त रूप से 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि जुटाई, जिसमें से 1.9 बिलियन डॉलर खर्च किए गए। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप की टीम ने 1.8 बिलियन डॉलर जुटाए और उनमें से 1.6 बिलियन खर्च किए। इतनी बड़ी राशि जुटाने के बावजूद, हैरिस के चुनाव अभियान पर अभी भी भारी कर्ज का बोझ है।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि हैरिस का चुनाव अभियान अमेरिका के मध्यम वर्गीय मतदाताओं के बीच अपनी पहचान बनाने में असफल रहा। उनके अभियान के सदस्य अजय जैन भूटोरिया के अनुसार, “हालांकि हैरिस ने एक अरब डॉलर से अधिक जुटाए, लेकिन वह उन मतदाताओं तक अपनी बात नहीं पहुंचा सकीं, जिनके वोट बेहद महत्वपूर्ण थे।”
प्रमुख मतदाताओं का समर्थन खोना पड़ा महंगा
चुनाव अभियान के दौरान, डेमोक्रेटिक पार्टी ने अमीर लोगों और हॉलीवुड से मजबूत समर्थन प्राप्त किया। लेकिन, पार्टी ने कई प्रमुख मतदाता समूहों का समर्थन खो दिया, जो उनके चुनावी परिणामों पर नकारात्मक असर डाल सकता है। अजय जैन भूटोरिया ने कहा, “हैरिस का अभियान जातीय समुदायों के बीच विशेष रूप से महत्वपूर्ण बदलाव नहीं ला सका। पेंसिल्वेनिया और मिशिगन जैसे प्रमुख राज्यों में भारतीय अमेरिकी, एशियाई अमेरिकी, मुस्लिम और अरब अमेरिकी समुदायों का पार्टी से मोहभंग हो गया।”
इस चुनाव में, डेमोक्रेटिक पार्टी का ध्यान मुख्य रूप से बड़े शहरों और अमीर वर्ग पर रहा, जबकि कुछ महत्वपूर्ण समूहों के साथ उनका संपर्क कमजोर पड़ गया। इस कारण से पार्टी को ऐसे समुदायों से अपेक्षित समर्थन नहीं मिल पाया जो पारंपरिक रूप से डेमोक्रेट्स का समर्थन करते रहे हैं।
आगे की राह
डेमोक्रेटिक पार्टी को अब वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए नए तरीकों की आवश्यकता है। पार्टी को चंदा जुटाने के लिए एक स्थिर रणनीति विकसित करनी होगी ताकि आने वाले चुनावों में उन्हें ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े। ट्रंप की अपील, हालांकि, उनके समर्थकों को जागरूक करने के इरादे से की गई है, लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए यह एक संकेत है कि उन्हें अपने अभियान को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
डेमोक्रेट्स के सामने इस समय अपनी रणनीतियों में सुधार और खोए हुए मतदाताओं का विश्वास दोबारा जीतने की चुनौती है। आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि डेमोक्रेट्स अपने फंडिंग स्रोतों को कैसे स्थिर करते हैं और आर्थिक मुद्दों से प्रभावित समुदायों के साथ संबंध कैसे मजबूत करते हैं।
इस चुनाव के परिणाम और उससे संबंधित आर्थिक चुनौतियां दर्शाती हैं कि आने वाले समय में डेमोक्रेट्स को अपने अभियान मॉडल में बड़े बदलाव करने होंगे ताकि पार्टी को भविष्य के चुनावों में स्थिरता और सफलता मिल सके।