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अमेरिकी राष्ट्रपति ने मेक्सिको, कनाडा और चीन से आने वाले उत्पादों पर नए टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने का फैसला किया है। उनका कहना है कि ये कदम अमेरिका में आ रही घातक नशीली दवाओं को रोकने के लिए उठाया गया है। ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की है कि 4 मार्च से मेक्सिको और कनाडा से आने वाली वस्तुओं पर 25% टैरिफ और चीन से आने वाले उत्पादों पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।
क्यों उठाया गया यह कदम?
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि फेंटेनाइल ओपिओइड नाम की घातक दवा अमेरिका में अभी भी बड़ी मात्रा में आ रही है। इस वजह से अमेरिका में नशीली दवाओं से जुड़ी मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। फेंटेनाइल एक बहुत ही खतरनाक नशीली दवा है, जो चीन, मेक्सिको और कनाडा से अमेरिका में तस्करी के जरिए लाई जाती है।
ट्रंप ने कहा, “नशीली दवाएं अभी भी अमेरिका में आ रही हैं, और इसमें सबसे खतरनाक फेंटेनाइल है।” उन्होंने यह भी बताया कि उनका प्रशासन चीन से आ रही इन दवाओं को पूरी तरह रोकने में सफल नहीं हो पाया है, इसलिए चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने का फैसला किया गया है।
टैरिफ बढ़ाने का असर
1. मेक्सिको और कनाडा पर असर
मेक्सिको और कनाडा से अमेरिका में बहुत सारी चीजें निर्यात की जाती हैं, जैसे – कार, स्टील, एल्युमीनियम, और इलेक्ट्रॉनिक सामान। इन उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने से इनकी कीमतें बढ़ जाएंगी और अमेरिकी कंपनियों को यह सामान महंगा मिलेगा। इससे मेक्सिको और कनाडा के व्यापार पर भी असर पड़ेगा।
2. चीन पर असर
चीन से अमेरिका में कई चीजें आयात होती हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन, खिलौने, कपड़े और दवाएं शामिल हैं। चीन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने से ये सामान महंगे हो सकते हैं।
3. अमेरिका पर असर
टैरिफ बढ़ने से अमेरिका में भी चीजों की कीमतें बढ़ सकती हैं। कंपनियों को महंगे दामों पर सामान खरीदना पड़ेगा, जिससे आम लोगों को भी ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। हालांकि, ट्रंप प्रशासन का मानना है कि यह कदम अमेरिका को नशीली दवाओं की तस्करी से बचाने में मदद करेगा।
ट्रंप का बयान
ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या मेक्सिको और कनाडा ने नशीली दवाओं की सप्लाई रोकने की कोशिश की है? तो उन्होंने कहा, “मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता। ड्रग्स के मामले में तो बिल्कुल नहीं।”
व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका, चीन, मेक्सिको और कनाडा के साथ इस मुद्दे पर लगातार बातचीत कर रहा है। अधिकारी ने यह भी कहा कि अमेरिका ने अवैध प्रवास (immigration) को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया है, लेकिन फेंटेनाइल की वजह से हो रही मौतों को लेकर अभी भी चिंता बनी हुई है।
आगे क्या होगा?
अमेरिका, चीन, मेक्सिको और कनाडा के बीच इस मुद्दे पर बातचीत जारी है। अगर यह देश अमेरिका की शर्तें मानते हैं और नशीली दवाओं की सप्लाई रोकने के लिए सख्त कदम उठाते हैं, तो हो सकता है कि ट्रंप प्रशासन टैरिफ को लेकर कुछ नरमी दिखाए। लेकिन फिलहाल, 4 मार्च से यह नए आयात शुल्क लागू होने जा रहे हैं।
ट्रंप प्रशासन ने मेक्सिको और कनाडा पर 25% और चीन पर 10% टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इसका मकसद अमेरिका में आ रही घातक नशीली दवाओं, खासकर फेंटेनाइल, की तस्करी को रोकना है। हालांकि, इससे अमेरिका और इन देशों के बीच व्यापार पर असर पड़ सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इन देशों की सरकारें इस फैसले के खिलाफ कोई कदम उठाती हैं या फिर टैरिफ बढ़ाने को स्वीकार करती हैं।