अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गैर-कानूनी प्रवासियों को लेकर लिए गए नए कार्यकारी आदेश ने अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों में चिंता की लहर पैदा कर दी है। इस आदेश के तहत, लाखों गैर-कानूनी प्रवासियों पर कार्रवाई की जा रही है, जिसमें लगभग 7,25,000 भारतीय शामिल हैं। ट्रंप प्रशासन के इस कदम से इन लोगों को अमेरिका से निष्कासन का खतरा बढ़ गया है।
287(G) समझौते में स्थानीय एजेंसियों की भूमिका
ट्रंप प्रशासन ने 287(G) समझौते को लागू किया है, जिसके तहत स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को होमलैंड सिक्योरिटी के तहत प्रवासियों की पहचान, गिरफ्तारी और हिरासत का अधिकार दिया गया है। यह कदम गैर-कानूनी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई में स्थानीय एजेंसियों की भूमिका को मजबूत बना रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रवासियों की स्थिति की जांच और निष्कासन की प्रक्रिया तेज हो गई है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप ने गैर-कानूनी प्रवासियों के मुद्दे को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया है और इसे अमेरिकी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया है। उनका मानना है कि उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी अमेरिकी नागरिकों को गैर-कानूनी प्रवासन से होने वाले खतरों से बचाना है। उन्होंने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने, नए हिरासत केंद्र स्थापित करने और सीमा पर सेना तैनात करने के आदेश भी दिए हैं।
जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने का ऐलान
ट्रंप ने जन्मसिद्ध नागरिकता (बर्थराइट सिटीजनशिप) को खत्म करने की योजना का भी ऐलान किया है। यह नीति अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को नागरिकता प्रदान करती थी। इस बदलाव का भारतीय समुदाय सहित कई प्रवासी समुदायों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर उन परिवारों पर जो अपने बच्चों को अमेरिकी नागरिकता दिलाने की उम्मीद रखते हैं।
भारतीय समुदाय के लिए चुनौतियां और रास्ते
ट्रंप के फैसले भारतीय समुदाय के लिए कई चुनौतियां खड़ी कर रहे हैं। अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे अपने दस्तावेज़ अपडेट रखें, कानूनी सलाह लें और नई नीतियों को समझें। इन नीतियों का पालन करते हुए और कानूनी सहायता लेकर वे अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं।
यह समय भारतीय समुदाय के लिए संवेदनशील है। ऐसे में नियमों का पालन करना, सही जानकारी रखना और सही कदम उठाना ही उनका भविष्य सुरक्षित रख सकता है।