
पंजाब की सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण एवं अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने दिल्ली में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में भाग लिया। इस बैठक में उन्होंने अनुसूचित जाति (SC) समुदाय के कल्याण के लिए कई अहम मांगें भारत सरकार के सामने रखीं। इस बैठक में केंद्र सरकार के मंत्री और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
पंजाब में अनुसूचित जातियों की स्थिति
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब की कुल आबादी का लगभग 32% हिस्सा अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से आता है। यह संख्या भविष्य में और बढ़ने की संभावना है। इसलिए, इस समुदाय के कल्याण के लिए सरकार को बेहतर योजनाएं और अधिक फंड की जरूरत है।
“आदर्श ग्राम योजना” के लिए फंड बढ़ाने की मांग
पंजाब सरकार अनुसूचित जाति बहुल गांवों के विकास के लिए केंद्र सरकार की “आदर्श ग्राम योजना” के तहत मिलने वाली मदद को 1 करोड़ रुपये तक बढ़ाने की मांग कर रही है। फिलहाल इस योजना के तहत प्रति गांव केवल 20 लाख रुपये मिलते हैं, जो सड़क निर्माण और अन्य बुनियादी विकास कार्यों के लिए पर्याप्त नहीं है।
योजनाओं को लागू करने में आ रही दिक्कतें
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब का सामाजिक न्याय विभाग इन योजनाओं को लागू करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग पर निर्भर है। इससे योजनाओं के कार्यान्वयन में कई प्रशासनिक बाधाएं आ रही हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि सामाजिक न्याय विभाग के अधीन एक स्वतंत्र तकनीकी इकाई बनाई जाए, जो इन योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू कर सके।
इसके अलावा, उन्होंने प्रशासनिक खर्चों को मौजूदा 4% से बढ़ाकर 10% करने की मांग की, ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से हो सके।
गांवों के चयन में राज्य को अधिक अधिकार मिले
मंत्री ने यह भी मांग की कि विकास परियोजनाओं के लिए गांवों के चयन का अधिकार राज्य सरकारों को दिया जाए। क्योंकि राज्य सरकार को जमीनी हालात की अधिक जानकारी होती है। इससे योजनाओं को जरूरतमंद क्षेत्रों में लागू करना आसान होगा।
इसके अलावा, उन्होंने यह सुझाव दिया कि गांवों के विकास के लिए पहले से ही फंड जारी किए जाएं, ताकि समय पर तैयारी की जा सके और काम की रफ्तार धीमी न हो।
कौशल विकास योजनाओं में सुधार की जरूरत
डॉ. बलजीत कौर ने कौशल विकास (Skill Development) योजनाओं से जुड़ी समस्याओं को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मौजूदा नीति के तहत जब तक पिछली किश्त का 75% खर्च नहीं हो जाता, तब तक अगली किश्त जारी नहीं होती। इससे योजनाओं के कार्यान्वयन में देरी होती है, खासकर चुनावों के दौरान।
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि इस नियम में कुछ छूट दी जाए, ताकि योजनाएं बिना देरी के जारी रह सकें।
अनुसूचित जाति के लोगों को दी जाने वाली आर्थिक मदद बढ़ाने की मांग
मंत्री ने SC समुदाय के लिए वित्तीय सहायता को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह सहायता प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना जैसी अन्य योजनाओं की तुलना में कम है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि यह सहायता ऋण (Loan) से अलग रखी जाए, क्योंकि गरीब लाभार्थियों के पास संपत्ति गिरवी रखने का विकल्प नहीं होता। इससे कमजोर आर्थिक स्थिति वाले लोग भी योजना का लाभ उठा सकेंगे।
पंजाब के लिए लंबित फंड जारी करने की अपील
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि इस योजना के तहत पंजाब के 3,293 गांवों को चुना गया था, लेकिन 684 करोड़ रुपये की राशि अभी भी बकाया है। अब तक केंद्र सरकार ने केवल 61 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसमें से 40 करोड़ रुपये सिर्फ दो महीने पहले मिले हैं।
इस वजह से अब तक केवल 365 गांवों में ही विकास कार्य हो सके हैं, जबकि बाकी गांवों को अभी भी इंतजार है। उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल 583 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की, ताकि अधूरे विकास कार्यों को पूरा किया जा सके।
डॉ. बलजीत कौर ने बैठक के अंत में आशा जताई कि केंद्र सरकार पंजाब की इन मांगों पर सकारात्मक विचार करेगी और जल्द से जल्द आवश्यक फंड जारी करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार अनुसूचित जाति समुदाय के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
इस फैसले से पंजाब के लाखों अनुसूचित जाति के लोगों को फायदा होगा और उनका सामाजिक-आर्थिक विकास तेजी से हो सकेगा।