डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार होगा शनिवार को, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार शाम को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें शाम को बेहोशी की हालत में एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर है।
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 10-11 बजे दिल्ली के शक्ति स्थल के पास किया जाएगा। उनकी बेटी, जो इस समय अमेरिका में हैं, देर रात तक दिल्ली पहुंचेंगी। उनकी पार्थिव देह को शुक्रवार को उनके निवास स्थान, दिल्ली के मोतीलाल नेहरू मार्ग पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। बीती रात एम्स से उनकी पार्थिव देह को यहां लाया गया। आम जनता के साथ-साथ देश के बड़े नेता और गणमान्य व्यक्ति आज उनके अंतिम दर्शन करेंगे और श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के दौरान विशेष राजकीय प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। उनके योगदान और देश के प्रति उनकी सेवाओं के सम्मान में उनकी पार्थिव देह को तिरंगे में लपेटा जाएगा। अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी, जो सर्वोच्च राजकीय सम्मान का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त, सेना के बैंड और सशस्त्र बलों के जवान उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होंगे और पारंपरिक मार्च करेंगे।
डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शक्ति स्थल परिसर में किया जाएगा। यह स्थान दिल्ली में विशेष रूप से पूर्व प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रीय नेताओं की स्मृतियों को सम्मानित करने के लिए जाना जाता है। इससे पहले, पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे नेताओं के अंतिम संस्कार भी राजघाट परिसर में किए गए थे।
सरकार ने घोषित किया शोक
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट की एक विशेष बैठक बुलाई है। इस बैठक में उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। सरकार ने शुक्रवार के सभी आधिकारिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
मनमोहन सिंह: एक युगदृष्टा नेता
डॉ. मनमोहन सिंह का नाम भारत के सबसे सुलझे हुए नेताओं में शुमार किया जाता है। वे 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इससे पहले, 1991 के आर्थिक संकट के दौरान, उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में भारत को आर्थिक संकट से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में शुरू की गई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) जैसे कार्यक्रमों ने गरीबों और मजदूरों के जीवन को बेहतर बनाने में अहम योगदान दिया।
डॉ. मनमोहन सिंह अपने शांत स्वभाव, सरलता और विद्वता के लिए जाने जाते थे। वे राजनीति से ऊपर उठकर हमेशा देशहित में काम करने वाले नेता थे। उनके निधन से भारत ने न केवल एक महान नेता, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत को खो दिया है।
देश के कोने-कोने से आम जनता और नेता उनके अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। डॉ. सिंह का जीवन और उनके कार्य हमेशा देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।