भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार, 26 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। उनके निधन से देश ने एक ऐसा नेता खो दिया, जिसने भारत को आर्थिक संकट से उबारने और वैश्विक मंच पर सशक्त पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में देश की सेवा करने से लेकर 2004-2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में ऐतिहासिक फैसले लेने तक, डॉ. सिंह का योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अमूल्य रहा।
1991: आर्थिक संकट और सुधारों की शुरुआत
1991 में जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब पी.वी. नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में डॉ. सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली। उनकी लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन (LPG) नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट से उबारा। इन सुधारों ने देश को वैश्विक व्यापार और निवेश के लिए खोल दिया, जिससे भारत आज दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है।
प्रधानमंत्री के रूप में ऐतिहासिक उपलब्धियां
2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत ने कई ऐतिहासिक योजनाओं और नीतियों को लागू किया। इनमें गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कदम शामिल हैं।
1. मनरेगा (2005)
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देने के लिए शुरू की गई। इस योजना ने ग्रामीण गरीबों की आय में सुधार किया, बुनियादी ढांचे का विकास किया और महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की।
2. आधार योजना (2009)
डिजिटल पहचान की दिशा में आधार एक क्रांतिकारी कदम था। इसके तहत हर नागरिक को यूनिक आईडी दी गई, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाया गया।
3. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (2010)
यह अधिनियम 6-14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करता है। इसने शिक्षा में असमानता को दूर करने और स्कूल छोड़ने की दर को कम करने में अहम भूमिका निभाई।
4. खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013)
गरीबों को सस्ते दाम पर अनाज उपलब्ध कराने के लिए लागू किया गया यह अधिनियम गरीबी उन्मूलन की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ। इसके तहत जरूरतमंद परिवारों को 1-3 रुपये प्रति किलो की दर से अनाज दिया गया।
5. डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (2013)
DBT योजना का मकसद सब्सिडी और वित्तीय लाभ सीधे लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर करना था। इससे भ्रष्टाचार कम हुआ और लोगों को उनके अधिकारों तक सीधी पहुंच मिली।
अन्य ऐतिहासिक कदम
परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौता (2008)
भारत और अमेरिका के बीच हुआ यह समझौता भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और एडवांस न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी तक पहुंच दिलाने में गेम-चेंजर साबित हुआ।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM)
2005 में शुरू किया गया यह मिशन ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए था। इससे मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में सफलता मिली।
आर्थिक सुधार और GDP वृद्धि
डॉ. सिंह के कार्यकाल के दौरान भारत ने आर्थिक सुधार की प्रक्रिया जारी रखी। 2004-2008 के बीच GDP 8-9% की दर से बढ़ी। विदेशी निवेश के लिए नीतियों में सुधार और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रगति ने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।
डॉ. सिंह की विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी, ईमानदारी और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक था। उनकी नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाया और करोड़ों भारतीयों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए। उनका योगदान हमेशा देश के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
उनका निधन भारत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और अद्वितीय योगदान को देश हमेशा याद रखेगा।