झुकी हुई निगाहें, पैरों में बेड़ियां, हाथों में हथकड़ियां और दिल में ढेर सारा गुस्सा और जिल्लत। यह कहानी है गुरदासपुर के जसपाल की, जो बेहतर भविष्य की तलाश में अमेरिका पहुंचे, लेकिन छह महीने बाद हथकड़ियों में जकड़े भारत लौटे।
अमेरिका का सफर – उम्मीदों से धोखे तक
36 साल के जसपाल पिछले साल जुलाई में अमेरिका जाने के लिए निकले थे। उन्होंने एक ट्रेवल एजेंट को 30 लाख रुपये दिए, ताकि वे वैध वीजा के साथ अमेरिका जा सकें। लेकिन जसपाल को इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह सफर उनकी जिंदगी का सबसे बुरा अनुभव बनने वाला है।
एजेंट ने उनसे झूठ बोला। जसपाल को पहले ब्राजील भेजा गया, और कहा गया कि आगे का सफर हवाई जहाज से होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्हें अवैध तरीके से बॉर्डर पार कर अमेरिका में घुसने के लिए मजबूर किया गया।
जब जसपाल अमेरिकी सीमा में दाखिल हुए, तो 24 जनवरी को यूएस बॉर्डर पेट्रोल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वे 11 दिनों तक हिरासत में रहे, फिर 104 अन्य भारतीयों के साथ अमेरिकी वायुसेना के मालवाहक विमान C-17 में भारत भेज दिया गया।
हथकड़ियों में लौटना – सबसे दर्दनाक लम्हा
जसपाल कहते हैं, “जब हमें विमान में बैठाया गया, तो हमें नहीं बताया गया कि हमें कहां ले जाया जा रहा है। हमारे हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां थीं।”
जब विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा, तब जाकर उन्हें आज़ादी मिली। पुलिस अधिकारियों ने वहां उनकी बेड़ियां खोलीं।
104 भारतीयों की वापसी – कई सपनों का अंत
अमेरिकी सैन्य विमान बुधवार को 104 अवैध प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा। इनमें 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से, 30 पंजाब से, 3-3 महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से और 2 चंडीगढ़ से थे। इनमें 19 महिलाएं और 13 नाबालिग भी शामिल थे।
ये सभी बेहतर जिंदगी की तलाश में अमेरिका गए थे, लेकिन धोखे, संघर्ष और गिरफ्तारियों के बाद उन्हें वापस भेज दिया गया।
परिवार का दर्द – जसपाल की मां का बयान
जब जसपाल अपने गांव पहुंचे, तो उनके परिवार की भावनाएं मिली-जुली थीं। उनकी मां शिंदर कौर और चचेरे भाई जसबीर सिंह रंधावा का कहना है कि जसपाल 2 साल तक इंग्लैंड में काम करने के बाद 12 दिन पहले अमेरिका गए थे।
वे दुखी हैं कि जसपाल के साथ ऐसा हुआ, लेकिन भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं कि वह सकुशल वापस लौट आया।
विदेश जाने का सपना, लेकिन किस कीमत पर?
जसपाल और उनके जैसे सैकड़ों लोग बेहतर भविष्य की उम्मीद में विदेश जाने की कोशिश करते हैं। लेकिन बिना सही जानकारी और वैध दस्तावेजों के यह सपना एक बुरे अनुभव में बदल सकता है।
यह कहानी एक सबक है – विदेश जाने से पहले सही जानकारी लें, ठगों से सावधान रहें और अवैध रास्तों से बचें। वरना यह सफर जिंदगी का सबसे बड़ा दर्द बन सकता है।