नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने बुधवार को बताया कि डिजिटल क्रांति और तकनीकी नवाचारों के कारण एक्सचेंज पर रजिस्टर्ड ग्राहकों की संख्या 20 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है। NSE के आंकड़ों के मुताबिक, यह वृद्धि भारत में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।
8 महीनों में 16.9 करोड़ से 20 करोड़ पर पहुंचा आंकड़ा
NSE ने अपने बयान में कहा कि “एक्सचेंज पर ग्राहक कोडों की कुल संख्या अब 20 करोड़ को पार कर गई है, जो 8 महीने पहले 16.9 करोड़ थी।” यह तेजी, भारत के विकास में निवेशकों के विश्वास और उन्हें बढ़ते डिजिटल अवसरों की ओर इशारा करती है। NSE के मुख्य व्यापार विकास अधिकारी श्रीराम कृष्णन ने कहा कि डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी नवाचार से निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है और बाजार तक पहुंच व्यापक हुई है।
डिजिटल क्रांति ने किया शेयर बाजार का लोकतंत्रीकरण
डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और स्मार्टफोन ऐप्स ने आम जनता को शेयर बाजार से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार की डिजिटल पहलों और निवेशकों के बीच जागरूकता बढ़ने से वित्तीय बाजारों तक पहुंच अब अधिक लोकतांत्रिक हो गई है। टियर II, III, और IV शहरों से आने वाले नए निवेशकों का योगदान भी इस वृद्धि में अहम रहा है। छोटे शहरों के लोग अब आसानी से बाजार में भागीदारी कर सकते हैं, जो पहले मुख्य रूप से बड़े शहरों तक ही सीमित था।
KYC प्रक्रिया और वित्तीय साक्षरता का प्रभाव
इस वृद्धि में KYC (अपने ग्राहक को जानिए) प्रक्रिया का भी बड़ा योगदान है। KYC प्रक्रिया को सरल बनाने और ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराने के कारण, नए निवेशकों के लिए बाजार में प्रवेश आसान हो गया है। इसके साथ ही, NSE द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को विभिन्न निवेश साधनों के बारे में जागरूक किया गया है। इस कारण से इक्विटीज, ETFs, REITs, InvITs और विभिन्न बॉन्ड जैसे साधनों में निवेशक रूचि ले रहे हैं। सकारात्मक बाजार भावना ने भी निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है।
महाराष्ट्र सबसे आगे, यूपी, गुजरात, और अन्य राज्य भी पीछे नहीं
NSE के मुताबिक, राज्यों में सबसे अधिक खाते महाराष्ट्र में दर्ज हुए हैं, जहां 3.6 करोड़ खाते हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश 2.2 करोड़, गुजरात 1.8 करोड़, राजस्थान और पश्चिम बंगाल 1.2 करोड़ खातों के साथ सूची में हैं। कुल खाता संख्या में इन राज्यों का योगदान लगभग 50% है, जबकि शीर्ष 10 राज्यों में कुल खातों का तीन-चौथाई हिस्सा है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि बड़े राज्यों के साथ-साथ छोटे राज्यों में भी निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
डिजिटल पहल और निवेश के नए अवसर
NSE के अनुसार, डिजिटल तकनीक का व्यापक रूप से अपनाना और नए निवेशकों के लिए आसान पहुंच बाजार की ओर रुझान बढ़ाने में सहायक रही है। इसके अलावा, केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा डिजिटल माध्यमों को बढ़ावा देना और बाजार में नई वित्तीय सेवाओं का समावेश निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। ऑनलाइन KYC, सुलभ मोबाइल एप्स और निवेश योजनाओं के विभिन्न विकल्पों ने लोगों को शेयर बाजार की ओर आकर्षित किया है।
NSE में 20 करोड़ ग्राहक कोडों का आंकड़ा भारत में एक मजबूत निवेश संस्कृति की ओर बढ़ते कदम को दर्शाता है। डिजिटल क्रांति और तकनीकी नवाचार ने जहां शेयर बाजार को बड़े पैमाने पर लोगों के लिए सुलभ बना दिया है, वहीं KYC प्रक्रिया में सुधार और वित्तीय साक्षरता के कार्यक्रमों ने भी लोगों को निवेश की ओर प्रेरित किया है। छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से निवेशकों की बढ़ती संख्या एक नई संभावना का संकेत देती है, जिसमें शेयर बाजार का लोकतंत्रीकरण होता दिखाई दे रहा है।
यह सब इस ओर इशारा करता है कि आने वाले समय में भारतीय शेयर बाजार में छोटे और मझोले शहरों से अधिक भागीदारी देखने को मिलेगी, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। NSE की यह ऐतिहासिक उपलब्धि देश की डिजिटल विकास यात्रा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है, जोकि भविष्य में निवेशकों के और अधिक अवसरों का संकेत देती है।