नई दिल्ली में संपन्न हुई दो दिवसीय श्रम मंत्रियों और श्रम सचिवों की राष्ट्रीय सम्मेलन में पंजाब के श्रम मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंध ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों के लिए विशेष सुविधाएं देने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि पंजीकृत मजदूरों को मेडिकल इंश्योरेंस, उनके बच्चों के लिए वजीफा और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन जैसी योजनाएं मिलनी चाहिए।
सम्मेलन के दौरान तरुणप्रीत सिंह सोंध ने केंद्रीय श्रम मंत्री के साथ सह-अध्यक्षता करते हुए श्रमिकों के कौशल विकास और प्रशिक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों के माध्यम से श्रमिकों के कौशल की पहचान कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, जिससे वे समय के साथ अपने कौशल को और बेहतर बना सकें।
डिजिटलाइजेशन से श्रम विभाग हुआ पारदर्शी
सम्मेलन में पंजाब के श्रम सचिव मनवेश सिंह सिद्धू ने बताया कि राज्य का श्रम विभाग पूरी तरह से डिजिटल हो गया है। इस 100% कंप्यूटरीकरण ने श्रम विभाग को पेपरलेस, पारदर्शी और अधिक प्रभावी बना दिया है। इससे प्रशासनिक जवाबदेही बढ़ी है, व्यापार करने में आसानी हुई है और सरकारी सेवाएं तेज़ी से उपलब्ध हो रही हैं।
उन्होंने ‘पंजाब कीर्ति सहायाक ऐप’ की भी जानकारी दी, जो निर्माण श्रमिकों को कभी भी, कहीं भी पंजीकरण करने की सुविधा देती है। यह ऐप आधार ई-केवाईसी के माध्यम से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण करता है और समयबद्ध सेवा प्रदान करता है। इस पहल की पूरे सम्मेलन में सराहना की गई।
श्रमिक कल्याण पर केंद्रित चर्चा
सम्मेलन में निर्माण श्रमिकों के कल्याण, ईएसआईसी (ESIC) और अटल बिहारी वाजपेयी जन आरोग्य योजना (ABJAY) के एकीकरण, और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने पर विचार किया गया। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ने के प्रयासों को और मजबूत करने के लिए चर्चा हुई।
इसके अलावा, राष्ट्रीय करियर सेवा (National Career Service) के लिए एक ठोस रूपरेखा तैयार करने और ‘पीएम एजुकेशन टू एम्प्लॉयमेंट लॉन्ज’ जैसी पहलों की संभावनाएं भी तलाशी गईं।
इस सम्मेलन में पीडीसी सदस्य अनुराग कुंडू, श्रम मंत्री के सलाहकार करुण अरोड़ा, और बीओसीडब्ल्यू वेलफेयर बोर्ड के उपसचिव जसनदीप सिंह कंग सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
श्रमिकों के लिए राहत की उम्मीद
पंजाब सरकार के इस प्रस्ताव से ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा और बेहतर सुविधाएं मिल सकती हैं। यदि यह योजना लागू होती है, तो मजदूरों को न केवल मेडिकल इंश्योरेंस और पेंशन का लाभ मिलेगा, बल्कि उनके बच्चों को भी शिक्षा में सहायता के लिए वजीफा मिल सकेगा।
सम्मेलन के दौरान कई अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी पंजाब सरकार की श्रमिक कल्याण योजनाओं की सराहना की। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय लेती है।