मंगलवार सुबह नेपाल सहित भारत, तिब्बत और आसपास के देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई, जबकि तिब्बत में यह 6.8 थी। बिहार, सिक्किम, असम और नॉर्थ बंगाल समेत भारत के कई इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप का केंद्र नेपाल-तिब्बत सीमा के पास शिजांग में स्थित था।
भारत के प्रभावित इलाके
भारत में बिहार के मोतिहारी, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, सिवान, अररिया, सुपौल और मुजफ्फरपुर में सुबह 6:40 बजे के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए। सिक्किम और नॉर्थ बंगाल के मालदा सहित अन्य हिस्सों में भी धरती हिलने से लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। बताया जा रहा है कि करीब 5 सेकंड तक धरती हिलती रही।
नेपाल में भारी झटके
नेपाल में भूकंप की तीव्रता सबसे ज्यादा थी। रिक्टर स्केल पर 7.1 की तीव्रता के साथ यह झटके नेपाल-तिब्बत सीमा के पास महसूस किए गए। लोगों में भय का माहौल देखा गया, और कई लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप से अब तक की जान-माल की हानि की पुष्टि नहीं हो पाई है।
तिब्बत में भी झटके
तिब्बत में भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई। भूकंप के केंद्र के नजदीकी इलाकों में नुकसान की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है।
रिक्टर स्केल: भूकंप की तीव्रता का माप
भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है। यह स्केल भूकंप की ताकत और उसके प्रभाव को दर्शाता है।
0-1.9: केवल सीज्मोग्राफ से पता चलता है।
2-2.9: हल्का कंपन।
3-3.9: ट्रक गुजरने जैसा अनुभव।
4-4.9: खिड़कियां टूट सकती हैं, दीवार पर लगे फ्रेम गिर सकते हैं।
5-5.9: फर्नीचर हिल सकता है।
6-6.9: इमारतों की नींव को नुकसान।
7-7.9: इमारतें ढह सकती हैं, पाइपलाइन फट सकती हैं।
8-8.9: पुल और बड़ी संरचनाएं गिर सकती हैं।
9+: अत्यधिक तबाही, सुनामी का खतरा।
सरकार की सलाह
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने लोगों को सतर्क रहने और भूकंप के दौरान जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों ने बताया कि भूकंप के दौरान खुले मैदान में जाना सबसे सुरक्षित होता है। भारी संरचनाओं और दीवारों से दूरी बनाए रखना चाहिए।
नुकसान का आकलन जारी
नेपाल और भारत के प्रभावित इलाकों में नुकसान का आकलन जारी है। भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोगों को सावधानी बरतने की अपील की गई है।