
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों के मामले के बाद, जालंधर इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने अपनी जांच तेज कर दी है। हाल ही में 11 भारतीयों को अमेरिका से वापस भारत भेजा गया, जिसके बाद ED ने इन सभी से पूछताछ की। जांच के दौरान कई फर्जी ट्रैवल एजेंटों के नाम सामने आए, जो पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से जुड़े हुए हैं।
कैसे हो रहा था गैरकानूनी इमिग्रेशन?
इन डिपोर्ट किए गए लोगों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये सभी फर्जी दस्तावेजों और ट्रैवल एजेंटों के माध्यम से अमेरिका पहुंचे थे। कुछ मामलों में, उन्हें अमेरिका पहुंचाने के लिए गलत तरीके अपनाए गए, जैसे कि जाली वीजा, नकली दस्तावेज और अवैध रास्तों का इस्तेमाल।
ED कर रही है फर्जी एजेंटों की तलाश
पंजाब पुलिस ने पहले ही कई फर्जी ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं और कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है। लेकिन ED इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना चाहती है। अधिकारियों के मुताबिक, अगर एक एजेंट पकड़ा जाता है, तो उसके अधीन काम करने वाले कई और लोग वही काम शुरू कर देते हैं।
इसलिए, ED सिर्फ ट्रैवल एजेंटों को पकड़ने तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि इस रैकेट के सभी लिंक को खत्म करना चाहती है। इसीलिए, फर्जी ट्रैवल एजेंटों, उनके सब-एजेंटों और अन्य शामिल लोगों तक पहुंचने के लिए गहरी जांच चल रही है।
सरपंचों और पंचों की भूमिका पर भी सवाल
जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ED को जानकारी मिली है कि कई मामलों में लोग गांव के सरपंच और पंचों के जरिए फर्जी ट्रैवल एजेंटों तक पहुंचे थे। अब ED इन सरपंचों और पंचों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
ऐसे कई लोगों को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे विदेशी ट्रैवल एजेंटों से किस तरह जुड़े थे और उनकी क्या भूमिका थी। ED इस समय ऐसे सरपंचों और पंचों का पूरा डेटा तैयार कर रही है, जिसके बाद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कैसे हो रहा था पैसों का लेन-देन?
इस मामले में ED यह भी जांच कर रही है कि विदेश जाने के लिए पैसे का लेन-देन कैसे हुआ।
- क्या यह कैश में हुआ या बैंक ट्रांसफर के जरिए?
- क्या इसमें हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल हुआ?
- फर्जी एजेंटों ने कितने लोगों को धोखा दिया और कितना पैसा कमाया?
इन सभी पहलुओं पर गहराई से जांच की जा रही है।
ED की सख्ती से बढ़ी ट्रैवल एजेंटों में हलचल
ED की इस कार्रवाई के बाद फर्जी ट्रैवल एजेंटों में हड़कंप मच गया है। कई एजेंट गायब हो गए हैं, और कई अपने ऑफिस बंद कर चुके हैं। कुछ पुलिस की नजरों से बचने के लिए ठिकाने बदल रहे हैं। लेकिन ED और पंजाब पुलिस इस पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए कमर कस चुकी है।
यह मामला सिर्फ अवैध इमिग्रेशन का नहीं, बल्कि एक बड़े संगठित गिरोह का है, जो लोगों को झूठे सपने दिखाकर पैसे ऐंठता था। ED की जांच से इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश हो रहा है। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं और कई बड़े नाम उजागर हो सकते हैं।
अगर यह जांच सफल होती है, तो भविष्य में ऐसे अवैध ट्रैवल एजेंटों पर लगाम लगाई जा सकेगी और भोले-भाले लोगों को धोखा खाने से बचाया जा सकेगा।