दिल्ली में दिसंबर के महीने में बिजली की मांग ने इस साल सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। राजधानी के इतिहास में पहली बार दिसंबर में बिजली की अधिकतम मांग 5000 मेगावाट से अधिक दर्ज की गई है। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार (31 दिसंबर) सुबह 10:50 बजे यह मांग 5213 मेगावाट पर पहुंच गई। यह अब तक दिसंबर में दर्ज की गई सबसे अधिक मांग है।
इससे पहले, सोमवार को यह मांग 5046 मेगावाट थी। पिछले वर्षों की तुलना में इस साल दिसंबर में बिजली की खपत में बड़ा उछाल देखा गया है। वर्ष 2023 में दिसंबर में अधिकतम बिजली की मांग 4884 मेगावाट और 2022 में 4964 मेगावाट थी। एसएलडीसी ने अनुमान लगाया है कि इस सर्दी में राजधानी दिल्ली की बिजली की अधिकतम मांग 6300 मेगावाट को पार कर सकती है।
सर्दियों में बिजली की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि
डिस्कॉम अधिकारियों का कहना है कि गिरते तापमान ने इस साल बिजली की मांग को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया है। दिसंबर के महीने में 5213 मेगावाट की मांग अब तक का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। यह भी देखा जा रहा है कि सर्दियों के महीनों में बिजली की मांग अब गर्मियों के रिकॉर्ड स्तरों के करीब पहुंच रही है। आमतौर पर, बिजली की मांग गर्मियों में अधिक होती है, लेकिन इस साल सर्दियों में भी बिजली की खपत में बड़ा उछाल देखा गया है।
उन्नत तकनीक से बढ़ती मांग का समाधान
बिजली की बढ़ती मांग से निपटने के लिए डिस्कॉम कंपनियां उन्नत तकनीकों का उपयोग कर रही हैं। बीआरपीएल और बीवाईपीएल जैसे बिजली वितरण कंपनियां सटीक पूर्वानुमान लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) टूल्स का उपयोग कर रही हैं। इन तकनीकों की मदद से बिजली की बढ़ती मांग को कुशलता से प्रबंधित किया जा रहा है।
डिस्कॉम के प्रवक्ता ने बताया कि बीआरपीएल ने अब तक अपने क्षेत्र में 2,194 मेगावाट और बीवाईपीएल ने 1,038 मेगावाट की बिजली की मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में बिजली की चरम मांग क्रमशः 2,600 मेगावाट और 1,240 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है।
गर्मियों और सर्दियों में मांग का अंतर घटा
पिछले साल सर्दियों में बिजली की अधिकतम मांग 22 जनवरी को 5,816 मेगावाट तक पहुंच गई थी, जो एक रिकॉर्ड था। हालांकि, इस बार दिसंबर में ही 5,213 मेगावाट का आंकड़ा पार हो गया है। आमतौर पर गर्मियों में बिजली की खपत ज्यादा होती है, लेकिन इस बार सर्दियों में ही खपत में तेजी देखी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली की इस बढ़ती मांग के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें बिजली से चलने वाले हीटर और अन्य उपकरणों का अधिक उपयोग प्रमुख है। इसके अलावा, गिरते तापमान ने भी खपत को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
बिजली कंपनियों का भरोसा
डिस्कॉम कंपनियां इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। बीआरपीएल और बीवाईपीएल ने कहा कि वे सभी आवश्यक संसाधनों और तकनीकों का उपयोग कर रही हैं ताकि सर्दियों के दौरान बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आए।