सोमवार, 09 दिसंबर की सुबह पटना एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट की एक फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। यह फ्लाइट दिल्ली से शिलांग जा रही थी। फ्लाइट नंबर एसजी-2950 में करीब 80 यात्री और क्रू मेंबर्स सवार थे। सभी यात्री और क्रू सुरक्षित हैं। इमरजेंसी लैंडिंग के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।
क्या हुआ था?
पटना एयरपोर्ट के अधिकारियों के अनुसार, फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग का कारण बर्ड हिट (पक्षी का टकराना) बताया गया है। घटना सुबह करीब 9 बजे की है। फ्लाइट ने दिल्ली से सुबह 7 बजे उड़ान भरी थी और इसे शिलांग में सुबह 10 बजे के आसपास लैंड करना था। हालांकि, पटना के आसपास बर्ड हिट होने के बाद पायलट ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी।
कैसे हुई लैंडिंग?
जब फ्लाइट पर पक्षी टकराने की घटना हुई, तब यह पटना के हवाई क्षेत्र में थी। पायलट ने तुरंत पटना एयरपोर्ट पर लैंडिंग की अनुमति मांगी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत हरी झंडी दी। इसके बाद फ्लाइट को सुरक्षित तरीके से पटना में उतारा गया।
यात्रियों का अनुभव
फ्लाइट के अंदर बैठे यात्रियों ने बताया कि घटना के समय उनके बीच घबराहट थी। हालांकि, क्रू ने स्थिति को संभालते हुए यात्रियों को शांत रहने की सलाह दी। लैंडिंग के बाद सभी यात्रियों ने राहत की सांस ली। पटना एयरपोर्ट पर पहले से ही मेडिकल और अन्य आपातकालीन सेवाएं तैनात थीं।
आगे की योजना
पटना एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि सभी यात्रियों को शिलांग पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। फ्लाइट की जांच के बाद या तो इसे रिपेयर कर शिलांग भेजा जाएगा या फिर यात्रियों के लिए दूसरी फ्लाइट का इंतजाम किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
पटना एयरपोर्ट पर पहले भी हुई हैं इमरजेंसी लैंडिंग
पटना का जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश के व्यस्ततम हवाई अड्डों में से एक है। इसके आसपास के क्षेत्र में पक्षियों की अधिक संख्या होने के कारण बर्ड हिट की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। पटना एयरपोर्ट पर इससे पहले भी कई फ्लाइट्स की इमरजेंसी लैंडिंग हो चुकी है।
बर्ड हिट के क्या हैं खतरे?
हवाई यात्रा के दौरान बर्ड हिट एक गंभीर घटना होती है। पक्षी के टकराने से इंजन को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे फ्लाइट की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। खासकर, टेकऑफ या लैंडिंग के दौरान यह घटना अधिक खतरनाक होती है।
निवारण के उपाय
एयरपोर्ट प्राधिकरण और स्थानीय प्रशासन मिलकर हवाई अड्डे के आसपास पक्षियों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाते हैं। इसमें पक्षी भगाने के लिए साउंड डिवाइस, लेजर लाइट्स, और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, आसपास के इलाकों में कचरा प्रबंधन पर भी ध्यान दिया जाता है, ताकि पक्षियों को आकर्षित होने से रोका जा सके।