पंजाब में चार विधानसभा सीटों- गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक और बरनाला को लेकर आने वाले दो हफ्ते काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे। चुनाव आयोग ने 13 नवंबर को इन चार सीटों पर उपचुनाव कराने की घोषणा की है और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। अब जबकि उपचुनाव में दो हफ्तों से भी कम समय बचा है, सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी समेत सभी राजनीतिक दलों के लिए चुनावी प्रचार तेज करना बेहद जरूरी हो गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उपचुनावों के लिए अपनी चुनावी रैलियां शुरू कर दी हैं। वे अब तक चब्बेवाल और डेरा बाबा नानक में रैलियां कर चुके हैं और जल्द ही बरनाला और गिद्दड़बाहा में भी चुनावी सभाएं करेंगे। आम आदमी पार्टी के लिए ये उपचुनाव बहुत अहम हैं क्योंकि इसके बाद राज्य में नगर निगम चुनाव भी होने हैं।
अगर आम आदमी पार्टी इन चारों सीटों पर जीत हासिल करती है, तो इससे पार्टी की स्थिति और मजबूत हो जाएगी और नगर निगम चुनाव जल्दी कराए जा सकते हैं। हालांकि, अगर उपचुनावों के नतीजों में कोई बड़ा उलटफेर होता है, तो सरकार नगर निगम चुनावों को लेकर एक बार फिर विचार कर सकती है। पिछले दो साल से नगर निगम चुनाव किसी न किसी कारण से स्थगित होते आ रहे हैं। अब तो हाईकोर्ट ने भी दिसंबर के अंत तक नगर निगम चुनाव कराने का आदेश दे दिया है। आम आदमी पार्टी के नेताओं का मानना है कि उपचुनावों के परिणाम ही नगर निगम चुनावों की दिशा तय करेंगे। पंचायत चुनाव तो सरकार पहले ही करवा चुकी है, लेकिन नगर निगम में निचले स्तर तक जनप्रतिनिधियों को शक्तियों का हस्तांतरण अब तक नहीं हुआ है।
इन चार विधानसभा सीटों पर कुल 6,96,316 मतदाता हैं। चुनाव आयोग ने चारों सीटों पर 831 मतदान केंद्र स्थापित किए हैं। इन उपचुनावों की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि इन विधानसभा सीटों के विधायक संसद सदस्य चुने गए हैं। डेरा बाबा नानक से विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा गुरदासपुर लोकसभा सीट से, गिद्दड़बाहा से विधायक राजा अमरिंदर सिंह वड़िंग लुधियाना से, बरनाला से विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर संगरूर से, और चब्बेवाल से विधायक डॉ. राज कुमार होशियारपुर से सांसद चुने गए थे।
आम आदमी पार्टी के बाद अब कांग्रेस और बीजेपी को भी इन सीटों पर चुनावी अभियान को तेज करना है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल ने पहले ही उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उपचुनावों के नतीजे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को काफी प्रभावित करेंगे।