केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (18 दिसंबर 2024) को लोकसभा में बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विभिन्न घोटालों के शिकार हुए लोगों की संपत्ति को वापस करने में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि अब तक ईडी ने कुल 22,280 करोड़ रुपये की संपत्ति वापस की है, जिसमें प्रमुख घोटालेबाजों, जैसे भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और हीरा व्यापारी नीरव मोदी की संपत्ति शामिल है।
वित्त मंत्री ने बताया कि विजय माल्या के मामले में ईडी ने 14,131.6 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क कर लिया था, जो अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वापस कर दी गई है। यह राशि बैंकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई है, क्योंकि विजय माल्या ने पंजाब नेशनल बैंक से 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसे वह चुकता नहीं कर पाए। इसके अलावा, नीरव मोदी की 1,052.58 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की गई और यह राशि बैंकों को वापस की गई।
निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि ईडी और बैंकों ने एक साथ मिलकर एक अन्य हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी की संपत्ति की बिक्री के लिए मुंबई में एक विशेष अदालत का रुख किया है। चोकसी ने नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक के 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के धन को हड़पने का आरोप झेला था और बाद में वह देश से फरार हो गया। इसके परिणामस्वरूप, चोकसी से भी 2,565.90 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में यह भी स्पष्ट किया कि प्रवर्तन निदेशालय ने अन्य कई घोटालों से भी बड़ी राशि की वसूली की है। उन्होंने कहा, “नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) घोटाला के बाद 17.47 करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल की गई और यह बैंकों को वापस की गई। इसी तरह एसआरएस ग्रुप से 20.15 करोड़ रुपये, रोज वैली ग्रुप से 19.40 करोड़ रुपये, सूर्या फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड से 185.13 करोड़ रुपये, नोहेरा शेख और अन्य से 226 करोड़ रुपये और नायडू अमृतेश रेड्डी और अन्य से 12.73 करोड़ रुपये वसूले गए।”
वित्त मंत्री ने कहा, “हमने यह सुनिश्चित किया है कि आर्थिक अपराधों में कोई भी व्यक्ति बख्शा न जाए। हम सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जो पैसा बैंकों में वापस जाना है, वह वापस जाए।”
इसके अतिरिक्त, भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) से संबंधित मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर के अपने आदेश में जेएसडब्ल्यू को 4,025 करोड़ रुपये की संपत्ति वापस करने का आदेश दिया है। यह आदेश भी वित्त मंत्री ने लोकसभा में साझा किया।
निर्मला सीतारमण ने इस दौरान यह स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता यह है कि सभी आर्थिक अपराधों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को उनके नुकसान की भरपाई के रूप में उनकी संपत्ति वापस की जाए। यह कदम बैंकों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है और सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह भ्रष्टाचार और वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है।