
आज शुक्रवार को किसान शहीद शुभकर्ण की बरसी मना रहे हैं। इस मौके पर बठिंडा जिले के उनके गांव बल्लों सहित तीन महत्वपूर्ण स्थानों—शंभू, खनौरी और रतनपुर बॉर्डर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। शुभकर्ण की याद में उनके गांव में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा।
शुभकर्ण की पिछले साल हरियाणा पुलिस के साथ हुई झड़प के दौरान गोली लगने से मृत्यु हो गई थी। इस बलिदान को याद करते हुए किसान MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और अन्य मांगों को लेकर अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन जारी
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर पर 88 दिनों से अनशन पर बैठे हैं। हाल ही में उन्होंने घोषणा की कि वह 22 फरवरी को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ होने वाली छठे दौर की बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने MSP के मुद्दे पर लोगों से सुझाव मांगे हैं, ताकि किसानों की लड़ाई को मजबूती से लड़ा जा सके।
डल्लेवाल 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर थे, लेकिन केंद्र सरकार से बातचीत का न्योता मिलने के बाद उन्होंने सिर्फ पानी पीना शुरू किया। उनके समर्थन में हरियाणा और पंजाब के किसान अपने गांवों से पानी लाकर खनौरी बॉर्डर तक पहुंचा रहे हैं। कुछ किसान गंगा जल, हरिमंदिर साहिब और मक्का-मदीना से पवित्र जल भी लाए हैं। अब तक 150 से अधिक गांवों का पानी खनौरी बॉर्डर तक पहुंच चुका है।
डल्लेवाल ने सभी किसानों और संगठनों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस जल के सेवन से उन्हें ताकत मिलती है और उनका हौसला बना रहता है।
किसानों को एकता का संदेश
किसान आंदोलन को एक साल से ज्यादा हो गया है, और अब किसान किसी भी कीमत पर इस संघर्ष को जीतना चाहते हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सात मिनट का संदेश जारी किया।
अपने संदेश में उन्होंने सभी किसान संगठनों को एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब यह संघर्ष शुरू हुआ था, तब लोगों को MSP के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन अब यह मुद्दा भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बन गया है।
डल्लेवाल ने दिल्ली किसान आंदोलन की एकता को याद दिलाते हुए कहा कि इस लड़ाई को जीतने के लिए एकजुटता बेहद जरूरी है। उन्होंने 27 फरवरी को चंडीगढ़ में होने वाली एकता बैठक में सभी संगठनों से भाग लेने की अपील की।
किसान आंदोलन को लेकर बढ़ती सक्रियता
किसानों का यह संघर्ष सिर्फ MSP की कानूनी गारंटी तक सीमित नहीं है। वे कृषि सुधार और अपने अधिकारों के लिए भी लड़ रहे हैं। इस आंदोलन में कई किसान संगठनों ने समर्थन दिया है, और अब यह सिर्फ पंजाब और हरियाणा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे देश में गूंज रहा है।
शहीद शुभकर्ण की बरसी के मौके पर किसान अपने संकल्प को और मजबूत कर रहे हैं और सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।