11 से 13 फरवरी तक शंभू और खनौरी बॉर्डर पर होने वाली महापंचायतों को सफल बनाने के लिए किसान पूरी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। इसी बीच, तीन साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा चूक के मामले में किसानों पर धारा 307 (हत्या का प्रयास) लगाने का मुद्दा भी गर्मा गया है।
11 फरवरी को किसान फिरोजपुर SSP दफ्तर का घेराव करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन को 70 दिन हो चुके हैं। राहत की बात यह है कि अब उनके कान का दर्द ठीक हो गया है।
साथ ही, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और शंभू-खनौरी मोर्चे की एकता को लेकर भी बैठकों और बातचीत का दौर जारी है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों गुटों के बीच संयुक्त बैठक होगी, जिसमें आंदोलन को आगे बढ़ाने की योजना बनाई जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने नई रणनीति तैयार की
SKM और शंभू-खनौरी मोर्चा फिलहाल एकजुट नहीं हुए हैं, लेकिन एकता बनाने की कोशिशें जारी हैं। इसी बीच, रविवार को मोहाली में SKM की एक अहम बैठक हुई, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।
9 फरवरी को केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई कृषि विपणन नीति के विरोध में देशभर में संसद सदस्यों (राज्यसभा और लोकसभा) को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। किसान संगठनों की मांग है कि इस नीति को तुरंत रद्द किया जाए।
15 फरवरी को चंडीगढ़ में किसान नेताओं की बड़ी बैठक होगी, जिसमें आंदोलन की अगली रणनीति तैयार की जाएगी। वहीं, 5 मार्च को देशभर के राज्यों की राजधानियों में बड़े विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
किसान आंदोलन होगा और तेज
किसानों का संघर्ष अब नई रणनीति के साथ और तेज होता जा रहा है।
- 11 से 13 फरवरी तक महापंचायतें
- 11 फरवरी को फिरोजपुर SSP दफ्तर का घेराव
- 9 फरवरी को संसद सदस्यों को ज्ञापन सौंपने की योजना
- 15 फरवरी को चंडीगढ़ में अहम बैठक
- 5 मार्च को राज्यों की राजधानियों में विरोध प्रदर्शन
अब देखने वाली बात होगी कि क्या किसान संगठन एकजुट होंगे, और सरकार उनकी मांगों पर क्या जवाब देगी!