पंजाब सरकार मत्स्य पालन (मछली पालन) को बढ़ावा देने के लिए लगातार नए कदम उठा रही है। पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि राज्य में मछली उत्पादन और एक्वाकल्चर (मत्स्य खेती) में बड़ी वृद्धि हुई है।
क्या है सरकार की नई योजना?
- पंजाब सरकार ने मछली पूंग (मछली के बच्चे) के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया है।
- हर साल 14 करोड़ से अधिक मछली पूंग का उत्पादन किया जा रहा है, जिसे किसानों को सब्सिडी पर दिया जाता है।
- किसानों की सहायता के लिए 16 सरकारी मछली पूंग फार्म, 11 मछली फीड मिलें और 7 प्रयोगशालाएँ बनाई गई हैं।
कितनी बढ़ी मछली उत्पादन की क्षमता?
- 2023 में 13.90 करोड़ मछली पूंग का उत्पादन हुआ था, जो 2024 में बढ़कर 14.74 करोड़ हो गया।
- राज्य में 43,973 एकड़ में मत्स्य पालन किया जा रहा है।
- पंजाब के प्राकृतिक जल स्रोतों, निजी और पंचायती तालाबों से हर साल 1,81,188 टन मछली का उत्पादन हो रहा है।
किसानों और युवाओं को कैसे मिल रही है मदद?
- राज्य सरकार युवाओं और महिलाओं को मत्स्य पालन अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है।
- सरकार 40% से 60% तक की सब्सिडी देकर किसानों की मदद कर रही है।
- पिछले साल 500 से ज्यादा किसानों को 27 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई थी।
किन योजनाओं में दी गई सब्सिडी?
सरकार ने कई योजनाओं के तहत अनुदान (सब्सिडी) दिया है, जैसे:
- नए मछली और झींगा पालन क्षेत्रों का विकास
- रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) की स्थापना
- बायोफ्लोक कल्चर सिस्टम
- मछली परिवहन के लिए वाहन खरीद
- मछली फीड मिल और मछली कियोस्क
मुफ्त प्रशिक्षण और तकनीकी मदद
- हर महीने किसानों और मत्स्य पालकों को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- तालाब तैयार करने, मछली पूंग रखने और पालन की तकनीक पर विशेषज्ञों से मदद दी जा रही है।
मत्स्य पालन को आधुनिक बनाने की योजना
- पंजाब सरकार मत्स्य पालन को आधुनिक तकनीकों से जोड़ रही है।
- फाजिल्का जिले में नया सरकारी मछली पूंग फार्म और पटियाला के गांव घलोड़ी में नई मछली मंडी बनाई गई है।
- “नीली क्रांति” लाने की योजना है, जिससे मत्स्य पालन से होने वाली आय में इजाफा होगा।
मत्स्य पालन में बेहतर प्रदर्शन पर किसानों को मिला सम्मान
- पंजाब के 6 मत्स्य पालकों को भारत सरकार द्वारा 76वें गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में सम्मानित किया गया।
पंजाब सरकार की इन योजनाओं से किसानों और युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। सरकार तकनीकी मदद, सब्सिडी और प्रशिक्षण देकर मत्स्य पालन को बढ़ावा दे रही है। आने वाले समय में यह योजना किसानों की आय बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।