संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को उच्च सदन में आश्वासन दिया कि मोदी सरकार सभी कृषि उपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदेगी। प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने यह घोषणा की, जिसके बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें “किसानों का लाडला” करार दिया। सभापति का यह बयान विशेष रूप से उल्लेखनीय है, क्योंकि हाल ही में धनखड़ ने कृषि मंत्री से तीखे सवाल पूछे थे।
धनखड़ का बदला रुख और कृषि मंत्री की प्रशंसा
धनखड़ ने सदन में कृषि मंत्री की तारीफ करते हुए कहा, “जिस आदमी की पहचान देश में ‘लाडली’ के नाम से थी, वह अब किसान का लाडला होगा। मैं आश्वस्त हूं कि ऊर्जावान मंत्री अपने नाम के अनुरूप यह करके दिखाएंगे। आज मैंने आपका नामांकन कर दिया किसान के लाडले के रूप में।”
यह बयान ऐसे समय आया है, जब किसान संगठनों ने दिल्ली चलो आंदोलन का आह्वान किया है। हाल ही में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कृषि मंत्री से तीखे सवाल पूछे थे। उन्होंने सवाल किया था, “किसानों से किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? किसान आंदोलन पिछले वर्ष भी हुआ और इस वर्ष भी जारी है।”
धनखड़ के उस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, और विपक्ष ने इसे केंद्र सरकार पर हमला करने के लिए जमकर इस्तेमाल किया। हालांकि, धनखड़ ने संसद में विपक्ष पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के मुद्दे पर वे घड़ियाली आंसू बहाने से बचें।
सड़क से संसद तक किसान आंदोलन का मुद्दा सरगर्म
किसान आंदोलन के मुद्दे ने संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह माहौल गरमा दिया है। कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया। हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसदों ने सरकार से किसानों की मांगें पूरी करने की अपील की। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार ने वादे पूरे नहीं किए, जिसके कारण किसान आज भी सड़कों पर हैं।
राज्यसभा में कांग्रेस के जयराम रमेश के सवालों का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा, “कांग्रेस सरकार ने कभी एमएसपी पर खरीद नहीं की। उनके शासन में देश का किसान खून के आंसू रोता था।”
दिल्ली चलो आंदोलन और हरियाणा में इंटरनेट निलंबित
तीन साल बाद किसान संगठनों ने एक बार फिर “दिल्ली चलो” आंदोलन का आह्वान किया है। पंजाब और हरियाणा के किसान एमएसपी गारंटी कानून, कर्जमाफी और पेंशन समेत 12 सूत्रीय मांगों के साथ दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने अंबाला के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं।
शंभू बॉर्डर पर तनावपूर्ण स्थिति
शंभू बॉर्डर पर किसान और पुलिस के बीच तनाव बना हुआ है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जबकि प्रदर्शनकारी दिल्ली में प्रवेश करने की रणनीति बना रहे हैं। बॉर्डर पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है, और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए वाटर कैनन भी तैयार रखी गई है। पंजाब के पटियाला और हरियाणा के अंबाला में भी किसानों ने प्रदर्शन तेज कर दिया है।
किसानों ने शंभू बॉर्डर पर एक बैरिकेड हटाया, जिसके बाद पुलिस ने एक प्रदर्शनकारी को हिरासत में लिया। हालात की वीडियोग्राफी की जा रही है, और दोनों पक्षों के बीच स्टैंडबाय की स्थिति बनी हुई है।