देशभर में किसानों के आंदोलन की गूंज एक बार फिर तेज हो गई है। अपनी लंबित मांगों को लेकर किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार को साफ किया कि केंद्र सरकार से बातचीत को लेकर अब तक कोई संदेश नहीं मिला है। इसके चलते किसान एक बार फिर सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।
दिल्ली कूच करेंगे 101 किसान
पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने घोषणा की कि रविवार को 101 किसानों का एक समूह दिल्ली के लिए रवाना होगा। किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन समाधान की उम्मीद अब तक अधूरी है। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है।
दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कड़ी सुरक्षा
दिल्ली-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सड़क पर कीलें लगाई गई हैं और कंक्रीट की दीवारें खड़ी की गई हैं। किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है। इसके बावजूद किसान दिल्ली की ओर कूच करने के लिए दृढ़ हैं।
तमिलनाडु के किसान भी होंगे शामिल
तमिलनाडु के त्रिची जिले के किसान नेता पी. अय्याकन्नू ने भी आंदोलन में शामिल होने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याएं किसी एक राज्य की नहीं, बल्कि पूरे देश की हैं। एमएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में सुझाए गए 150% न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अब तक लागू नहीं किया गया है।
अय्याकन्नू ने कहा, “भाजपा से हमें उम्मीद थी कि वे किसानों के हितों की रक्षा करेंगे, लेकिन पिछले 10 वर्षों में हमें कोई राहत नहीं मिली। इसलिए तमिलनाडु के किसान भी दिल्ली में आंदोलन में शामिल होंगे। 16 दिसंबर को हम तमिलनाडु में रेलवे विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसके बाद दिल्ली पहुंचेंगे।”
पंजाब में बीजेपी नेताओं का विरोध
पंजाब के किसान नेताओं ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के प्रवेश का विरोध करने का ऐलान किया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, “हमने सुना है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा के नेता नायब सिंह सैनी अमृतसर आने वाले हैं। हम उनके प्रवेश का पुरजोर विरोध करेंगे।”
पंधेर ने यह भी कहा कि किसानों का आंदोलन 300वें दिन में प्रवेश कर चुका है, लेकिन केंद्र सरकार अब भी उनकी मांगों को लेकर अडिग है। किसान नेताओं ने पंजाब के किसानों से अपील की कि वे भाजपा नेताओं का राज्य में विरोध करें।
किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों की मुख्य मांगों में एमएसपी को कानूनी गारंटी देना, कृषि कर्ज माफी, खाद की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण, फसलों के उचित दाम और बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेना शामिल हैं।
सरकार से नाराजगी
किसानों का कहना है कि उन्हें अपने मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। ऐसे में प्रदर्शन को और तेज करना उनकी मजबूरी है। किसानों का दावा है कि वे अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे।
किसानों का यह आंदोलन केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। दिल्ली में पुलिस-प्रशासन के कड़े इंतजामों के बावजूद किसानों का हौसला बुलंद है। तमिलनाडु, पंजाब और हरियाणा सहित देश के अन्य हिस्सों के किसान इस आंदोलन को और व्यापक बनाने में जुटे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, आंदोलन खत्म नहीं होगा।