आज, 2 दिसंबर, हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। यह आंदोलन तीसरे और अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। बीते दिनों किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण पर धरना और प्रदर्शन किया। अब किसान संसद सत्र के दौरान अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए दिल्ली मार्च कर रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा समेत 20 जिलों के किसानों को एकजुट कर रहा है।
तीसरे चरण का दिल्ली मार्च
किसान दोपहर 12 बजे से महामाया फ्लाईओवर पर जुटेंगे और दिल्ली की ओर ट्रैक्टरों के साथ मार्च करेंगे। दिल्ली पुलिस और गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेड लगाए हैं। जगह-जगह चेकिंग की जा रही है। ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए कई मार्गों को डायवर्ट किया गया है।
किसानों की मुख्य मांगें
किसानों ने अपनी पांच प्रमुख मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया है:
1. पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट और 64.7% अधिक मुआवजा दिया जाए।
2. 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20% प्लॉट दिया जाए।
3. भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास का लाभ मिले।
4. हाई पावर कमेटी द्वारा पारित मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए।
5. आबादी क्षेत्र का उचित समाधान किया जाए।
ट्रैफिक पर असर
दिल्ली कूच के चलते नोएडा और दिल्ली के बीच यातायात पर भारी दबाव देखा जा रहा है। महामाया फ्लाईओवर, डीएनडी, चिल्ला बॉर्डर और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर जाम की स्थिति बन सकती है। ट्रैफिक पुलिस ने इन रूटों से बचने की सलाह दी है। गौतमबुद्ध नगर से दिल्ली जाने वाले वाहन चालकों को वैकल्पिक मार्ग और मेट्रो का उपयोग करने की अपील की गई है। मालवाहक वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रशासन की तैयारी
किसानों के मार्च को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस आयुक्त शिवहरि मीणा ने निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली और नोएडा की सीमाओं पर अतिरिक्त पुलिस बल और पीएसी तैनात की गई है। चिल्ला, डीएनडी और महामाया फ्लाईओवर पर विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर कई चेकपॉइंट स्थापित किए गए हैं।
आंदोलन का इतिहास
इससे पहले, किसान 27 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना प्राधिकरण पर प्रदर्शन कर चुके हैं। यह धरना पांच प्रमुख मांगों पर आधारित था, लेकिन अभी तक प्रशासन से सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने के कारण किसान आर-पार की लड़ाई के लिए दिल्ली कूच कर रहे हैं।
जनता को असुविधा की चेतावनी
किसानों के प्रदर्शन के कारण नोएडा-दिल्ली मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों को असुविधा हो सकती है। महामाया फ्लाईओवर और डीएनडी जैसे प्रमुख रूटों पर जाम लगने की संभावना है। यातायात दबाव को नियंत्रित करने के लिए कई स्थानों पर रूट डायवर्ट किए गए हैं।
किसानों का यह आंदोलन उनकी प्रमुख मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास है। प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, लेकिन आंदोलन का असर लोगों के दैनिक जीवन पर पड़ सकता है। अब देखना होगा कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत से इस मुद्दे का समाधान होता है या नहीं।