हरियाणा-पंजाब की शंभू सीमा पर किसान आज तीसरी बार दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। किसानों का 101 लोगों का एक जत्था दोपहर 12 बजे रवाना होगा। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने सीमा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस ने बैरिकेडिंग के ऊपर लोहे की जालियां भी लगा दी हैं। इससे पहले पुलिस ने दो बार किसानों को सीमा से पीछे हटने पर मजबूर किया था।
कांग्रेस नेता बजरंग पूनिया और निहंग भी करेंगे समर्थन
कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पूनिया भी आज शंभू सीमा पर किसानों का समर्थन करने पहुंच रहे हैं। इसके अलावा तरना दल के निहंग भी पहले ही वहां पहुंच चुके हैं। पंजाब की ओर से किसानों के लिए 10 सरकारी एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं।
हरियाणा में इंटरनेट सेवाएं बंद
दिल्ली मार्च से पहले हरियाणा सरकार ने सुरक्षा के तहत अंबाला जिले के 12 गांवों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी है। ये सेवाएं 18 दिसंबर तक निलंबित रहेंगी। 17 दिसंबर को सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट पूरी तरह से बंद रहेगा। यह आदेश हरियाणा की गृह सचिव सुमित्रा मिश्रा ने जारी किया है।
किसान नेता ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि “मरण व्रत पर बैठे जगजीत डल्लेवाल की खराब स्वास्थ्य स्थिति को लेकर पूरा देश चिंतित है, लेकिन प्रधानमंत्री को इसकी कोई चिंता नहीं है।” उन्होंने सरकार पर किसानों की मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
निहंग जत्था करेगा समर्थन
तरना दल के निहंगों का एक जत्था, जो भगत धन्ना तरना दल से जुड़ा है, किसानों का समर्थन करने शंभू सीमा पर पहुंच चुका है। निहंगों ने कहा कि वे किसानों के साथ शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। उल्लेखनीय है कि शंभू सीमा पर किसान 13 फरवरी से धरने पर बैठे हैं।
हरियाणा के मंत्री अनिल विज का बयान
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से अपील की है कि वे कुछ दिनों के लिए आंदोलन स्थगित कर दें। उन्होंने कहा, “मेरे विचार में किसानों को सुप्रीम कोर्ट की बात माननी चाहिए।”
क्यों कर रहे हैं किसान आंदोलन?
गौरतलब है कि किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी और बिजली संशोधन बिल वापस लेने जैसी मांगें प्रमुख हैं।
किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। शंभू सीमा पर पुलिस और प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है, ताकि किसानों के दिल्ली मार्च को रोका जा सके।
(किसानों और सरकार के बीच गतिरोध लगातार बना हुआ है। देखना होगा कि दिल्ली मार्च के बाद इस आंदोलन का क्या रुख रहता है।)