पंजाब के किसान एक बार फिर सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं। रविवार को शंभू बॉर्डर पर हुए किसान-पुलिस टकराव के बाद किसान नेताओं ने आंदोलन को और तेज करने की घोषणा की है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि 16 दिसंबर को पंजाब से बाहर एक बड़ा ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा और इसके बाद 18 दिसंबर को पंजाब में ‘रेल रोको’ आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने सभी किसानों और पंजाब के लोगों से इन आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है।
101 किसानों को पुलिस ने रोका, झड़प में कई घायल
शनिवार को अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर रहे 101 किसानों के जत्थे को पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर रोक दिया। किसानों ने बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस झड़प में कई किसान घायल हो गए। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने दावा किया कि इस हिंसा में 17 किसान गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
घायल किसानों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन किसान नेताओं का आरोप है कि उन्हें उचित इलाज नहीं मिल रहा है। पंढेर ने पंजाब सरकार से इन किसानों के लिए बेहतर इलाज की मांग की और कहा कि सरकार को उनकी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
सरकार पर गंभीर आरोप
सरवन सिंह पंढेर ने सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन यहां किसानों पर केमिकल युक्त पानी और आंसू गैस के गोले फेंके जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के इस रवैये से किसानों का हौसला कमजोर नहीं होगा।
पंढेर ने कहा, “पुलिस की कार्रवाई से हमें डराया नहीं जा सकता। सरकार को हमारी मांगें माननी ही होंगी। यदि हमारी बात नहीं सुनी गई, तो आंदोलन और तेज होगा।”
किसानों की प्रमुख मांगें
किसान लंबे समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी कानून, कर्ज माफी, और कृषि सुधार से जुड़े अन्य मुद्दों पर अपनी मांगें रख रहे हैं। इसके अलावा, किसानों का आरोप है कि सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रही है।
‘रेल रोको’ आंदोलन की तैयारी
पंजाब में 18 दिसंबर को होने वाले ‘रेल रोको’ आंदोलन को सफल बनाने के लिए किसान संगठन पूरी तैयारी कर रहे हैं। यह आंदोलन शंभू बॉर्डर पर हुई घटना के खिलाफ किसानों का जवाब होगा। किसान नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण होगा, लेकिन यदि सरकार ने कार्रवाई की तो वे पीछे नहीं हटेंगे।
शंभू बॉर्डर पर भारी सुरक्षा
पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
किसानों का संघर्ष जारी
पुलिस की कार्रवाई के बावजूद किसानों का हौसला कमजोर नहीं हुआ है। आंदोलनकारी किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और सरकार से सीधे संवाद की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
क्या होगा आगे?
किसानों के आंदोलन को देखते हुए यह साफ है कि आने वाले दिनों में पंजाब और आसपास के इलाकों में तनाव बढ़ सकता है। ट्रैक्टर मार्च और ‘रेल रोको’ आंदोलन से जनजीवन पर असर पड़ सकता है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और किसान संगठनों के बीच समाधान कैसे निकलता है।
किसानों का कहना है कि उनका संघर्ष केवल उनके हक के लिए है और वे इसे आखिरी दम तक जारी रखेंगे। दूसरी ओर, सरकार को भी इस मामले पर जल्द फैसला लेना होगा ताकि हालात और बिगड़ने से बच सकें।