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पिछले 9 महीनों से पंजाब-हरियाणा सीमा पर धरना दे रहे किसान अब दिल्ली की ओर कूच कर चुके हैं। किसानों का 101 सदस्यीय जत्था अंबाला की ओर बढ़ते हुए दो बैरिकेड्स पार कर चुका है। अब उन्हें हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा बनाए गए बैरिकेड्स पर रोक दिया गया है। हरियाणा सरकार ने किसानों को न आगे बढ़ने और न पीछे लौटने की चेतावनी दी है।
बैरिकेड्स पार कर रहे किसान
किसानों ने पैदल मार्च करते हुए पहले ही दो बैरिकेड्स को पार कर लिया है। इसके दौरान उन्होंने कंटीली तारों को भी उखाड़ फेंका। हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने की पूरी तैयारी की है और चेतावनी दी है कि वे आगे न बढ़ें। अब किसान और पुलिस शंभू बॉर्डर पर आमने-सामने हैं।
किसानों के पास तिरंगे और किसान यूनियन के झंडे हैं। उनका कहना है कि वे हर हाल में दिल्ली पहुंचेंगे। किसान नेताओं का दावा है कि यह मार्च शांतिपूर्ण है, लेकिन टकराव की संभावना बनी हुई है।
किसानों की तैयारी
किसान नेता सरवन पंधेर ने मार्च शुरू होने से पहले कहा था कि “101 किसानों का जत्था हर हाल में दिल्ली के लिए रवाना होगा।” किसानों ने टकराव की संभावना को ध्यान में रखते हुए विशेष तैयारी की है। प्रदर्शनकारियों को नमक वितरित किया जा रहा है ताकि अगर आंसू गैस के गोले छोड़े जाएं तो उन्हें सांस लेने में कठिनाई न हो।
आंसू गैस से आंखों और सांस की नली में जलन होती है, और नमक का सेवन करने से इससे राहत मिलती है। किसानों का दावा है कि यह उनकी अहिंसक आंदोलन की रणनीति का हिस्सा है।
पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था
हरियाणा और पंजाब पुलिस दोनों अलर्ट मोड पर हैं। शंभू सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नई बैरिकेडिंग, कंटीली तारें, कैमरे और लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। अंबाला और खनौरी सीमा पर धारा 163 लागू कर दी गई है।
पंजाब सरकार ने एहतियातन शंभू बॉर्डर पर एंबुलेंस तैनात कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत शंभू सीमा पर स्थिति को ज्यों का त्यों बनाए रखने की सख्त हिदायत दी गई है।
हरियाणा प्रशासन का नोटिस
अंबाला प्रशासन ने 4 दिसंबर को ही शंभू सीमा पर नोटिस चिपकाया था। इसमें कहा गया है कि दिल्ली में किसी भी प्रदर्शन या आंदोलन के लिए दिल्ली पुलिस की अनुमति आवश्यक है। अनुमति मिलने पर अंबाला के डीसी कार्यालय को सूचित करना होगा।
किसानों का रुख
किसानों ने पुलिस की चेतावनी को दरकिनार करते हुए अपने मार्च को जारी रखा है। वे शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली पहुंचने का दावा कर रहे हैं। किसान आंदोलन के इस चरण को उनकी एकजुटता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक माना जा रहा है।
सरकार और किसान आमने-सामने
हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बल किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पूरी तैयारी में हैं। वहीं, किसान अपनी मांगों और अधिकारों के लिए डटे हुए हैं। दिल्ली कूच कर रहे किसानों और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति गंभीर हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार दिया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि इससे आम जनता के अधिकार प्रभावित नहीं होने चाहिए। कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, शंभू सीमा पर स्थिति जस की तस रखनी होगी।