पराली आधारित बॉयलरों पर सब्सिडी बढ़ी, किसानों को मिलेगा लाभ
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पंजाब सरकार ने पराली के सही उपयोग और पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य मंत्रिमंडल ने पराली आधारित बॉयलरों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी बढ़ाने का फैसला लिया है। अब नए बॉयलर लगाने पर एक करोड़ रुपए तक की सब्सिडी मिलेगी, जबकि पुराने संयंत्रों को अपग्रेड करने के लिए 50 लाख रुपए तक की सहायता दी जाएगी।
इस फैसले से पराली जलाने की समस्या को कम किया जा सकेगा और किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर मिलेगा।
पराली जलाने की समस्या और इसका समाधान
हर साल धान की कटाई के बाद किसान खेतों में पराली जलाते हैं, जिससे भारी प्रदूषण फैलता है। यह न केवल वायु की गुणवत्ता को खराब करता है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। खासकर दिल्ली और उत्तर भारत के कई हिस्सों में प्रदूषण बढ़ जाता है।
सरकार चाहती है कि किसान पराली को जलाने के बजाय इसे बॉयलरों में ईंधन की तरह इस्तेमाल करें। इससे ऊर्जा का उत्पादन होगा और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।
बॉयलरों में पराली का उपयोग कैसे होगा?
पराली आधारित बॉयलर एक खास तरह का संयंत्र होता है, जिसमें पराली को जलाकर भाप बनाई जाती है। यह भाप औद्योगिक कार्यों और बिजली उत्पादन में इस्तेमाल की जाती है। इससे पराली को जलाने की बजाय उपयोगी संसाधन में बदला जा सकता है।
सरकार की नई सब्सिडी योजना
🔹 नए बॉयलर लगाने के लिए: 1 करोड़ रुपए तक की पूंजीगत सब्सिडी मिलेगी।
🔹 पुराने संयंत्रों को अपग्रेड करने के लिए: 50 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।
🔹 इस योजना का मुख्य उद्देश्य: पराली के सही उपयोग को बढ़ावा देना, प्रदूषण कम करना और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
इस कदम के लाभ
✅ पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण कम होगा।
✅ पराली से ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिससे ईंधन की समस्या हल होगी।
✅ किसानों को पराली बेचने से अतिरिक्त आय मिलेगी।
✅ पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाया जा सकेगा।
✅ बॉयलरों के उपयोग से उद्योगों को सस्ता और पर्यावरण-अनुकूल ईंधन मिलेगा।
पंजाब को प्रदूषण मुक्त बनाने की पहल
सरकार का यह कदम राज्य को स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। पराली आधारित बॉयलर न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद होंगे, बल्कि यह किसानों और उद्योगों के लिए भी आर्थिक रूप से लाभकारी साबित होंगे।
इससे किसानों को पराली जलाने के बजाय उसे बेचने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी आय भी बढ़ेगी और प्रदूषण की समस्या भी कम होगी। सरकार के इस फैसले से पंजाब स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ेगा और एक स्थायी समाधान की ओर अग्रसर होगा।