खनौरी बॉर्डर पर 38 दिनों से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इस सुनवाई में पंजाब सरकार यह बताएगी कि डल्लेवाल के इलाज के लिए क्या-क्या प्रयास किए गए हैं। इसके साथ ही पंजाब के डीजीपी और मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश होंगे।
30 दिसंबर को हुई पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया था कि वह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए तीन दिन का समय ले। सरकार ने कोर्ट को बताया था कि एक मध्यस्थ ने अपील की है कि यदि केंद्र सरकार हस्तक्षेप करती है, तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हो सकते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा समय मांगे जाने की अपील स्वीकार कर ली थी।
बुधवार को पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने किसानों के साथ लंबी बैठक की। अधिकारियों ने बताया कि बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई। हालांकि, डॉक्टरों द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, डल्लेवाल को बोलने में भी कठिनाई हो रही है। उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है।
डल्लेवाल 38 दिनों से खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे हैं। शुरुआत में उन्होंने पानी पीना और दवाएं लेना जारी रखा था, लेकिन अब उन्होंने पानी पीना भी बंद कर दिया है और दवाएं लेने से इनकार कर दिया है। उनकी हालत बेहद नाजुक हो चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि जल्द ही उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया, तो उनकी जान को खतरा हो सकता है।
डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांग है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। किसानों का कहना है कि सरकार को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कानूनी गारंटी देना चाहिए और कृषि क्षेत्र में सुधारों को किसानों के पक्ष में लाना चाहिए।
डल्लेवाल की बिगड़ती हालत को देखते हुए यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। कोर्ट यह देखेगा कि पंजाब सरकार ने उनके इलाज और समस्या के समाधान के लिए क्या प्रयास किए हैं। इस बीच, किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि डल्लेवाल को कुछ भी होता है, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेंगे।
सभी की निगाहें आज की सुनवाई पर टिकी हुई हैं। देखना होगा कि कोर्ट क्या फैसला सुनाता है और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।