
देशभर में टोल प्लाज़ा से रोज़ाना लाखों वाहन गुजरते हैं और हर बार FASTag के ज़रिए टोल टैक्स कटता है। लेकिन अब केंद्र सरकार ने FASTag प्रणाली में बड़ा बदलाव करने की योजना बनाई है, जिससे टोल भुगतान पहले से ज्यादा आसान और पारदर्शी होगा। अगर आप भी नेशनल हाईवे पर यात्रा करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की है।
नया सिस्टम: अब एक बार भुगतान में पूरे साल सफर
नई नीति के तहत वाहन चालकों को अब हर बार टोल देने की ज़रूरत नहीं होगी। सरकार एक ऐसा सिस्टम लाने जा रही है जिसमें आप सिर्फ एक बार 3000 रुपये सालाना जमा करवाकर पूरे साल नेशनल हाइवे, एक्सप्रेसवे और स्टेट हाइवे पर जितनी बार चाहें, यात्रा कर सकेंगे। यानी एक तरह से ये एक सालाना पास होगा जो आपके FASTag अकाउंट से लिंक रहेगा।
दूसरा विकल्प: कम यात्रा करने वालों के लिए
जिन लोगों की यात्रा कम होती है, उनके लिए दूरी आधारित शुल्क का विकल्प भी रहेगा। ऐसे लोग हर 100 किलोमीटर पर सिर्फ 50 रुपये का भुगतान करेंगे। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो कभी-कभार ही हाईवे पर निकलते हैं।
क्या होंगे इस बदलाव के फायदे?
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ट्रैफिक जाम से राहत:
नया सिस्टम लागू होने के बाद टोल प्लाज़ा पर रुकावटें कम होंगी क्योंकि बार-बार भुगतान की ज़रूरत नहीं होगी। -
ईंधन की बचत:
बार-बार रुकने से गाड़ियों का फ्यूल ज्यादा खर्च होता है। अब बिना रुके सफर करने से फ्यूल की बचत होगी। -
समय की बचत:
टोल प्लाज़ा पर लंबी लाइनों से छुटकारा मिलेगा, जिससे सफर तेज़ और आरामदायक होगा। -
भ्रष्टाचार में कमी:
नया सिस्टम डिजिटल होगा और FASTag से सीधे जुड़ा रहेगा, जिससे फर्जीवाड़ा और टोल चोरी जैसी समस्याएं कम होंगी। -
बैंकों को ज़िम्मेदारी और अधिकार:
बैंकों को टोल चोरी रोकने के लिए नए अधिकार दिए जाएंगे, जिससे पूरे सिस्टम में पारदर्शिता और सुधार आएगा।
मौजूदा FASTag से होगा काम
जो लोग पहले से FASTag इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें नया टैग लेने की ज़रूरत नहीं होगी। मौजूदा FASTag अकाउंट से ही ये सालाना योजना या दूरी आधारित योजना को एक्टिवेट किया जा सकेगा।
कब लागू होगी यह योजना?
हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई फाइनल तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही यह नई FASTag पॉलिसी देशभर में लागू कर दी जाएगी।
यह नया FASTag सिस्टम न सिर्फ यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि देश की टोल वसूली प्रणाली को भी और अधिक प्रभावशाली, तेज़ और पारदर्शी बनाएगा। यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और मजबूत कड़ी साबित हो सकता है।