उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा पीसीएस प्री 2024 और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 2023 में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन सामने आया है। हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र लोक सेवा आयोग चौराहे पर एकत्रित होकर नारेबाजी कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक कि आयोग परीक्षा को एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में कराने की मांग स्वीकार नहीं कर लेता।
छात्रों का नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के खिलाफ विरोध
छात्रों का मुख्य विरोध यूपीपीएससी की नॉर्मलाइजेशन नीति के खिलाफ है। नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत परीक्षा कई शिफ्टों में आयोजित की जाती है, और परीक्षा में आए अंकों को एक मानक पैमाने पर लाने के लिए गणना की जाती है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि यह प्रक्रिया उचित नहीं है, और वे चाहते हैं कि परीक्षा एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए, ताकि सभी छात्रों के लिए समानता बनी रहे। छात्रों का तर्क है कि विभिन्न शिफ्टों में परीक्षा होने से पेपर का स्तर भिन्न हो सकता है, जिससे परीक्षार्थियों के अंकों में असमानता आती है।
प्रदर्शनकारियों का उग्र रूप, पुलिस के साथ झड़प
विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे छात्रों ने लोक सेवा आयोग के सामने लगाए गए पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस और छात्रों के बीच झड़प की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस प्रशासन ने स्थिति को काबू में रखने के लिए आयोग के चारों ओर बैरिकेडिंग कर रखी है और पुलिस बल तैनात कर दिया है। मौके पर वज्र वाहन, फायर ब्रिगेड और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती की गई है।
हालात को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने स्थिति संभालने की पूरी तैयारी कर रखी है। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे छात्र पोस्टर-बैनर लिए हुए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि उनका विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, लेकिन उनकी मांगों को जब तक नहीं माना जाता, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
प्रशासन की अपील, लेकिन छात्र नहीं माने
मौके पर पहुंचे एडीसीपी सिटी अभिषेक भारती ने छात्रों से अपील की है कि वे धरना स्थल पर जाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें और अपना ज्ञापन प्रशासन को सौंपें। उन्होंने कहा कि छात्रों को निर्धारित धरना स्थल पर प्रदर्शन करना चाहिए ताकि यातायात और कानून व्यवस्था प्रभावित न हो। हालांकि, छात्रों ने इस अपील को मानने से इनकार कर दिया और आयोग के सामने ही विरोध जारी रखा।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे केवल परीक्षा को एक दिन और एक शिफ्ट में कराए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह उनके भविष्य का सवाल है और वे इसे लेकर किसी भी प्रकार का समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं।
यातायात बाधित, प्रशासन अलर्ट
प्रदर्शन के कारण यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। छात्रों द्वारा सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने के कारण कई रास्तों पर जाम की स्थिति बनी हुई है, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे प्रदर्शन के चलते इस इलाके से बचने का प्रयास करें और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें।
आगामी परीक्षाओं पर संकट, प्रशासन अलर्ट
बता दें कि यूपीपीएससी द्वारा आयोजित पीसीएस प्री 2024 परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को प्रस्तावित है, जबकि आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को होने वाली है। छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इन परीक्षाओं पर भी असर पड़ सकता है। छात्रों के उग्र प्रदर्शन और परीक्षा की तारीख नजदीक आने के कारण पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी सतर्क हैं। अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की बात कही है।
इस विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रशासन और आयोग के बीच चर्चा जारी है। परीक्षा की तिथि और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर छात्रों और प्रशासन के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई है। प्रशासन का कहना है कि छात्रों की मांगों पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए समय की जरूरत है।
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पर क्या है विवाद?
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया कई शिफ्टों में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में अंकों के असमानता को संतुलित करने के लिए अपनाई जाती है। इस प्रक्रिया में छात्रों के अंकों को गणना के जरिए एक स्तर पर लाया जाता है ताकि सभी शिफ्टों में बैठे छात्रों का परिणाम समान मानदंडों पर आंका जा सके। हालांकि, छात्रों का मानना है कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और इससे उनके परिणाम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
छात्रों का यह भी कहना है कि एक ही दिन में परीक्षा कराने से पेपर का स्तर समान रहेगा और नॉर्मलाइजेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने आयोग से मांग की है कि वे इस प्रक्रिया को समाप्त करें और परीक्षा को एक ही शिफ्ट में कराएं।