
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में सोमवार रात करीब 9:30 बजे भीषण आग लग गई, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। घटना के बाद मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए आम लोग, स्वास्थ्य कर्मचारी, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मिलकर कड़ी मेहनत की।
बताया जा रहा है कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट थी, जिसने अस्पताल की दूसरी मंजिल पर मौजूद आईसीयू और महिला मेडिसिन वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। इन वार्डों में उस वक्त करीब 50 से अधिक मरीज भर्ती थे। आग तेजी से फैली, जिससे मरीजों और उनके परिजनों में दहशत फैल गई।
टॉर्च की रौशनी में चला रेस्क्यू ऑपरेशन
अस्पताल में बिजली की सप्लाई बंद कर दी गई ताकि आग और न फैले। रेस्क्यू के दौरान लोग मोबाइल की टॉर्च जलाकर एक-दूसरे की मदद करते नजर आए। 250 से अधिक मरीजों को सुरक्षित निकालकर पास के अस्पतालों जैसे कि KGMU और सिविल अस्पताल में शिफ्ट किया गया। कुछ गंभीर मरीजों को आईसीयू में भर्ती किया गया है।
अफवाहों से घबराए लोग, गांववाले भी आए सड़कों पर
आग के साथ-साथ धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। नजदीकी गांव परीगवां के लोग इस डर से घरों से बाहर आ गए कि कहीं ऑक्सीजन प्लांट न फट जाए। गांववाले अपने परिवार के साथ सड़कों पर जमा हो गए। जब देर रात आग पर काबू पाया गया तो सभी ने राहत की सांस ली।
एक मरीज की मौत की पुष्टि
हालांकि प्रशासन का कहना है कि ज्यादा कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन खबर है कि एक मरीज की मौत हुई है। उसकी लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है ताकि मौत का सही कारण पता चल सके।
फायर ब्रिगेड ने रात 1 बजे तक काबू पाया
फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियों ने करीब रात 1 बजे तक आग बुझाने का काम जारी रखा। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने खुद पूरी स्थिति पर नजर रखी और कहा कि “हमारी पहली प्राथमिकता मरीजों की जान बचाना थी, जिसे सफलतापूर्वक किया गया।” उन्होंने बताया कि 200 से ज्यादा मरीजों को सुरक्षित दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है।
मरीजों की स्थिति अब स्थिर
सिविल अस्पताल के डायरेक्टर राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक करीब 24 मरीज वहां लाए गए हैं और सभी की हालत स्थिर है। ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी डॉ. विपिन मिश्रा ने बताया कि पांच मरीज उनके यहां आए हैं और वे भी सुरक्षित हैं। सभी अस्पतालों में डॉक्टर्स और स्टाफ पूरी तरह एक्टिव हैं।
इस घटना ने साफ दिखा दिया कि इमरजेंसी में आम जनता, प्रशासन और स्वास्थ्यकर्मी कैसे एकजुट होकर काम करते हैं। आग भले ही भयावह थी, लेकिन सही समय पर की गई कार्रवाई ने बड़ा हादसा टाल दिया। अब हादसे के सटीक कारण और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।